एटम बम बनाकर तुम किस्मत पर फूल गए !
65-71 और 99 के युद्धों को शायद तुम भूल गए !!
पाकिस्तान. ., तू चिंता मत कर, इस बार तुम्हारे चेहरे का खोल बदल देंगे !
इतिहास की क्या हस्ती है, पूरा भूगोल तक बदल देंगे !!
रावलपिंडी से कराची तक सब कुछ Bharat हो जायेगा !
सिंधु नदी के आर पार पूरा भारत हो जायेगा !!
धारा हर मोड़ बदल कर लाहौर से गुजरेगी गंगा !
इस्लामाबाद की धरती पर लहराएगा भारत का झंडा !!
फिर सदियों सदियों तक जिन्नाजैसा शैतान नहीं होगा !
कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा !!!
जय महाकाल.... !!!
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
Wednesday, November 30, 2011
Tuesday, November 29, 2011
आज वालमार्ट पुरेविश्व मे जो भी सामान बेचती है उसमे से ९९% चीजे चीन मे ही बनती है.. चीन सरकार ने कई हज़ार कारखाने सिर्फ वालमार्ट को सप्लाई देने केलिए ही लगाये है ..
इसलिए चीन के उपर कोई फर्क नहीं पड़ता ..फिर भी चीन ने अपने छोटे छोटेदुकानद ारों के हित के लिए अपने यहाँ वालमार्ट के कई स्टोर्स बंद करवादिए ..
# छोटे दुकानदारों को खतरा क्यों है ?
---------- ---------- ---------- ------
चूँकि वालमार्ट चीन से बहुत बड़े पैमाने पर चीजे बनवाती है और फिर उसे सीधे अपने स्टोर के द्वारा बेचती है ...इसलिए ये पहले खूब सस्तेदरों पर सामान बेचकर वहा के सभी छोटे व्यापारियो और छोटे स्थानीय स्टोर को बर्बाद कर देती है ..फिर मनमाने ढंग से जनता को लूटना शुरू कर देती है .. यहाँ तक कि अमेरिका के सबसे बड़े दोस्त ब्रिटेन मे भी वालमार्ट को १००%की मंजूरी नहीं मिली है ..वहा भी वाल्मेर्ट को किसी भी ब्रिटिश कम्पनी को अपना पार्टनर बनाना पड़ता है ..
इसलिए चीन के उपर कोई फर्क नहीं पड़ता ..फिर भी चीन ने अपने छोटे छोटेदुकानद ारों के हित के लिए अपने यहाँ वालमार्ट के कई स्टोर्स बंद करवादिए ..
# छोटे दुकानदारों को खतरा क्यों है ?
---------- ---------- ---------- ------
चूँकि वालमार्ट चीन से बहुत बड़े पैमाने पर चीजे बनवाती है और फिर उसे सीधे अपने स्टोर के द्वारा बेचती है ...इसलिए ये पहले खूब सस्तेदरों पर सामान बेचकर वहा के सभी छोटे व्यापारियो और छोटे स्थानीय स्टोर को बर्बाद कर देती है ..फिर मनमाने ढंग से जनता को लूटना शुरू कर देती है .. यहाँ तक कि अमेरिका के सबसे बड़े दोस्त ब्रिटेन मे भी वालमार्ट को १००%की मंजूरी नहीं मिली है ..वहा भी वाल्मेर्ट को किसी भी ब्रिटिश कम्पनी को अपना पार्टनर बनाना पड़ता है ..
Monday, November 28, 2011
भारत और इंग्लैंडमें सूर्य के प्रकाश के पुहंचने
का कोण, तीव्रता और समय अलग-अलग है।
भारत में साढ़े दस महीने सूर्य
की रोशनी मिलती है, इंग्लैंड में साढ़े दस
महीने सूर्य छिपारहता है। इससे
काफी अंतर आ जाएगा। यहां आक्सीकरण
की प्रक्रिया तेजहोगी, इंग्लैंड में नहीं।
यहां बहता पानी पीने लायक होता है,
वहां नहीं होगा। भारत की गाय का दूध
पीलापन लिए हुए होगा। भारत में गेंहू तीन
महीने में पकेगा, इंग्लैंड में सातमहीने लगेंगे।
इसलिए वहां का जीवन कृषि पर आधारित
नहीं होगा। इन्हीं कारणों सेभारत में
दुनिया की केवल दो प्रतिशत भूमि है
लेकिन जैव विविधता दुनिया का तेरह
प्रतिशत भारत मेंहोता है।
(इतिहास का सच और भविष्य की चुनौतीहै
अखंड भारत - गोविन्दाचा र्य)
इस शीर्षक से लिया गया हैं.
का कोण, तीव्रता और समय अलग-अलग है।
भारत में साढ़े दस महीने सूर्य
की रोशनी मिलती है, इंग्लैंड में साढ़े दस
महीने सूर्य छिपारहता है। इससे
काफी अंतर आ जाएगा। यहां आक्सीकरण
की प्रक्रिया तेजहोगी, इंग्लैंड में नहीं।
यहां बहता पानी पीने लायक होता है,
वहां नहीं होगा। भारत की गाय का दूध
पीलापन लिए हुए होगा। भारत में गेंहू तीन
महीने में पकेगा, इंग्लैंड में सातमहीने लगेंगे।
इसलिए वहां का जीवन कृषि पर आधारित
नहीं होगा। इन्हीं कारणों सेभारत में
दुनिया की केवल दो प्रतिशत भूमि है
लेकिन जैव विविधता दुनिया का तेरह
प्रतिशत भारत मेंहोता है।
(इतिहास का सच और भविष्य की चुनौतीहै
अखंड भारत - गोविन्दाचा र्य)
इस शीर्षक से लिया गया हैं.