Tuesday, August 23, 2011

Team anna par shak kyun na karein.

बहुत भरोसा है भारतवासियो को अन्ना हजारे पर.
टीम अन्ना की पिछले दिनों की हरकत देखो. क्या भारत का भरोसा कायम रख पाएंगे अन्ना ?
१. मंच से माँ भारती की तस्वीर हटाना.
२.श्री श्री रविशंकरजी जैसे आदरणीय संतपुरुष की विष्टिकार की भूमिका को नकार देना.
३. बाबा रामदेव को भी इस आन्दोलन से अलग रखना.
४. जन लोकपाल में प्रधानमंत् री,न्याय पालिका का समावेश जरुरी मगर एन.जी.ओ. को जन लोकपाल के दायरे से बहार रखना. क्या एन.जी.ओ. को संविधान के कोई अलग दरज्जा दिया है जो प्रधानमंत् री,न्याय पालिका से ऊपर है क्या?
५.विष्टिका र के रूप में प्रधान मंत्री और वरिष्ठमंत्री तक ठीक है, मगर खास रूप से राहुल गाँधी का आग्रह क्यों रखतेहै अन्ना. जबकि राहुल गाँधी सिर्फ सांसद ही है. और राजनीती में आज तक कोई खास जलवा भी नहीं दिखा पाए है.
६. इन दिनों महाराष्ट्र में किसानो पर हुए अत्याचार के विषयमें अन्ना ने मुह तक नहीं खोला है. जबकि इस आन्दोलन से पहले उन्हों ने सिर्फ महाराष्ट्र में ही जलवा दिखाया है.
७. अरविन्द केजरीवाल एन.जी.ओ. को जन लोकपाल के दायरे से बहार रखना क्यों चाहतेहै. जन लो जरा की अन्ना की टीम में कौन कौन सामिल है. अग्निवेश, मेघा पाटकर, अरुंधती रॉय, तीस्ता सेतलवाड, मनीष सिसोदिया, अरुणा रॉय, मल्लिका साराभाई. क्या यह सब दूध के धुले है क्या? इन्हों ने राष्ट्र हित में क्या किया है कोई बता सकता है जरा ?
८. अन्ना के मंच सेइसी पादरी भाषण दे सकते है मगर कोई हिन्दू साधू को मंच पर चढ़ने भी नहीं दिया जा रहा है. ऐसे अपने आप को बिनसांप्रद ायिक साबित करने की कोशिश की जा रही है. क्या हिन्दू समाज को गाली देने से राष्ट्र हित करतेहो यह सिद्ध होता है क्या?

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