Saturday, October 1, 2011

आना-आना” के लिए दौड़ रहे हैं अन्ना आंदोलन में सेवा करने आए कट्टर “समर्थक” | मीडिया दरबार

दिल्ली के रामलीला मैदान में समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ ‘कन्धे-से-कन्धा’ मिलाकरदिन-रात लड़ने वाले, भोजन-पानी, बिछावन, बिजली, लाउड-स्पीकर, पंखा, एयर-कंडीशंड गाड़ी-सवारी, पान-बीड़ी-सिगरेट और कभी-कभी “मदिरा” की आपूर्ति में लगे भारत के विभिन्न राज्योंके इवेंट मैनेजमेंट संस्थाओं का धैर्य टूट रहा है। अब वे सभी उसीस्वर से दुहरा रहे हैं, “भैया, बहुत हुई गांधीगिरी, अब लाल-लाल कागज पर छपे गाँधी जी के दर्शन करा दो, बहुत नुकसान हो गया है, भरपाई करना है।”
प्राप्त जानकारीके अनुसार दिल्ली के रामलीला मैदान में समाजसेवी अन्ना हजारे और उनके टीम द्वारा भ्रष्टाचार विरोध और जिस जन लोकपाल विधेयक को लाने के लिए लगभग 15 दिनों का आन्दोलन चला था, इस कार्य में “सेवा अर्पित” करने वाले इवेंट मेनेजमेंट संस्थाएं अपनी-अपनी बकाया राशि के तुरंत भुगतान के लिए जोरदार कोशिश कर रहे है। इस कार्य के लिए पूरे देश से बहुत सारी इवेंट मैनेजमेंटकम्पनियां लगी थी।
सूत्रों का कहना है कि कुछ समाजसेवी संस्थाएं, जो अन्ना टीम मेम्बरानों या उनके द्वारा समर्थित या संचालित स्वयंसेवी संस्थाओं की करीबी थीं, उन्हें अधिकांश राशि का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन दुर्भाग्यवश, जो संस्थाएं, दिल्ली के बाहर से आकर, आन्ना के आन्दोलन में सहयोग दिया और इवेंट मैनेजमेंटअधिकारियों के कहने पर काफी राशि सुविधा मुहैय्या कराने में लगा दिए, उन्हें लगातार दौड़ाया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। इवेंट कर्मी आरोप लगा रहे हैं कि टीम अन्ना के लोग करोड़ों का चंदा खुद पचा गए हैं औरअब उन्हें धमका रहे हैं।
इन संस्थानों की सबसे बड़ी दुविधा ये है कि इन्हें अनुबंधितकरते वक्त कागजी कार्रवाई न के बराबर हुई थी। उस वक्त तो इन्हें समाजसेवी का चोगा ओढा दिया गया था और अब वे खुल कर अदालत या मीडिया के पास अपनी शिकायत भी नहीं ले जा सकते। सूत्रों का कहना है कि टीम अन्ना इस बात को अच्छी तरह समझती है कि वे खुद-ब-खुद तंग होकर अपने-अपने शहरों में वापस चले जायेगें।
http://www.mediadarbar.com/3486/event-anna/

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