बहुत चंचल बहुत खुशनुमा सी होती हैं बेटियां,...नाज़ुक सा दिल रखती हैं, मासूम सीहोती हैं बेटियां..... बात बात पर रोती हैं ,नादान सी होतीहै बेटियां,....है रहमत से भरपूर खुदा की नेमत ये बेटियां ,... घर भी महक उठता है जब मुस्कराती है बेटियां ....होती है अजीब सी तकलीफ जब छोड़ कर चली जाती हैबेटियां ....घर लगता है सुना सुना,कितना रुला जाती है बेटियां ,बाबुल की बहुत लाडली होती है बेटियां ....ये हम नहीं कहते,ये तो खुदा भी कहता है ,.जब मैं बहुत खुश होता हूँ तभी जन्म लेती बेटियां ..
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