Tuesday, April 3, 2012

कविता नहीं वमन है - गोपाल डंडौतिया

कविता नहीं वमन है - गोपाल डंडौतिया
(राष्ट्र कवि रामधारी सिंह 'दिनकर जी के अनुसार स्वतन्त्रता नही यह अंग्रेजों का वमन है, इसी लहजे में गांधी जी ने हिंद स्वराज्य में लिखा संसद वैश्या के समान और आज की संसद तथा सांसदों के कृत्यों, उस पर भी श्री शरद यादव जैसे कमाल के सांसद द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को देख सुनकर लेखक को भी वमन हुआ इस कविता के रूप में)
खींचता जहां नियम से देखो लोकतंत्र का चीर
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर
कैसे नमन करूं में इनको, क्यूं ना वमन करूं ?
सांसद बिके करोड़ों में है एसो देश हमारो
लालू ओ अफसरशाही सब खाए रिश्वत चारो
विजय माल्या दारू देवे, राजा रूप रुपैय्या
हर इक दल से छूट रहे हैं, दल बदलून के तीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
संसद नही है कहा जोर्ज ने भ्रष्ट दलाल इकट्ठे
चाहे इधर या चाहे उधर, इक थैली के चट्टे बट्टे
करा अपहरण करें बसूली, संसद को भी लूटें
जनता को रूखी भी ना हो, इनको व्यंजन खीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
हर्षद एक दलाल हुआ था, अरबों का बना स्वामी
तीर कमान से शिब्बू ने नरसिंह की गद्दी थामी
बही परमाणु डील पर अमरसिंह ने खेला
फिर भी संसद की बेशर्मी, होती नही अधीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
सुना कभी था सेना में भी, हुआ था जीप घुटाला
कुछ लाखों के घपले में मरा था नागरबाला
पनडुब्बी बोफोर्स को भूले,बेंक स्केम ख़तम है
जनरल सिंह ही खींच रहें मनमोहन का चीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
टू जी थ्री जी और ना जाने, कितने जी घोटाले
काले धन ओ कोयले के भी बहुत पड़े हैं लाले
अमूल बेबी भूले गुस्सा,बाँहें नहीं चढ़ाएं
सोनिया जी की गर्दन सोहे, चिदम्बरम जंजीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
मनमोहन के नाम से ही मान, मनभर का हो जाता
पद लिप्सा का एसा विकृत, चित्र नजर नही आता
तरण ओ मृतक द्रमुक के डर से, नीति विदेसी बदली
मैं कमजोर नही हूँ फिर भी, घोषित करता वीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
सांसद ओर विधायक नेता, सुन जनता अकुलाती
मंत्री, पार्षद पन्च देखकर ही मितली सी आती
बीहड़ में हैं बागी डाकू, संसद में हैं बैठे
होल में गूंजे ताली सुनकर, ठीक यही तस्वीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
लोक तंत्र के स्वर्ण शिखर पर राज रहे मधुकौडा
णा पंजा, ना कमल और ना हंसिया ना ही हथौड़ा
हाथी और साईकिल दोनों गुंडों की ही सवारी
पति जेल में पत्नी नेता, भारत की तकदीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
पक्ष विपक्ष में अंतर कोनी, घटक समर्थक प्यारे
एन डी ऐ या हो यू पी ऐ सबके द्वारे ठाड़े
सबके माथे लिखा हुआ है, बिकने को तैयार
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
सनद हमारी है अनन्त, ओ इसकी कथा अनंता
एक एक सांसद दीखता है, संता या भगवंता
मिलता नहीं डूबने भर को, इक चुल्लू भर पानी
काले अंग्रेजों से काली, भारत की तस्वीर !
मेरे भारत की संसद में अपराधी ओ अमीर !!
- श्री सोम ठाकुर से क्षमायाचना सहित

No comments:

Post a Comment