Sunday, April 8, 2012

कविता : इस देश में रहने वाले महान कितने हैं


तालीम आज भी अपना अस्तित्व खोजती है यहाँ
फिर भी हर रोज़ इम्तिहान कितने हैं
सालों से वही मुद्दे हैं रोटी, कपड़ा और मकान
हालातों से वाकिफ होते हुए भी
यहाँ के लोग अंजान कितने हैं


हर बार वही होता है फिर भी
उन लोगों के बातों में आ जाते है
यहाँ के इंसान आसान कितने हैं
सब कुछ भगवान् भरोसे है यहाँ
देश, आदमी और सरकार
ऊपर वाले के हम पर एहसान कितने हैं
ऐसे हालातों में भी आदमी जी रहा है
जीवन यापन कर रहा है
इस देश में रहने वाले महान कितने हैं…

रचनाकार : सोमेश खरे

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