१- सत्ता परिवर्तन का माध्यम जनता , किन्तु सत्ता में जनता का अधिकार शुन्य |
२-सत्ता पर आसीन व्यक्ति जनता का माई बाप बन जाता है और जनता के फैसले करने का अधिकार उसके पास आ जाता है और जनप्रतिनिधि इसी घमंड में खुद को भगवान् समझने लगता है और जनता खुद को दास |
३-सत्ता आते ही जनता के उत्थान की बात करने वाला जनता से अपनी दुरी बना लेता है और जनता उसकी दुरी को अपन
ा सौभाग्य मान लेती है |
४- जात पात का द्रेश फैला कर जनता को आपस में उलझाये रखते है ये नेता और सत्ता हाथ में आते ही संविधान का हवाला देने लग जाते है |
५-अय्यास , नशेडी , गुंडे , अत्याचारी , आतंकियों और मुस्लिम तुष्टिकरण के पैरोकार क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियों में शामिल किये जाते है और जनता उनको चुनती है और राज करने के लिए भेजती है ||
६- पढ़े लिखे बुद्धिजीवी वर्ग का सेकुलर होना और मुस्लिम समुदाय के पढ़े लिखे बुद्धिजीवी का और अधिक कट्टर होना |
७- सो काल्ड सेकुलर युवा पीढ़ी को सनातन धर्म के विषय में ज्ञान ना होना और अपने पूर्वजो के संघर्षमय इतिहास ज्ञात ना होना |
८-सो काल्ड सेकुलर युवा पीढ़ी का नशे की दुनिया में उतरना , राष्ट्र और धर्म से कोई मतलब ना होना |
९-तथाकथित हिन्दू और तथाकथित हिन्दुत्ववादी संगठनो का हिन्दुओं को भटकने की चाल और सच्चे हिन्दुत्वादी संगठनो के खिलाफ आग उगलना , दुष्प्रचार करना |
१०-तथाकथित भारतीय जनमानस में नैतिकता का पतन , धर्मज्ञान का आभाव , राष्ट्रभक्ति क्रिकेट के मैदान पर समाप्त , सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र भक्तो का सम्मान न होना ||
११- सबसे बड़ा और प्रमुख कारण गांधी की नकली अहिंसा और कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण और लुट की राजनीति ||
१२- भारतीय जनमानस में अपने अच्छे बुरे की समझ का ना होना और अपने भले के लिए दुसरे पर निर्भर होकर उसका गुलाम बन जाना ||
और भी बहुत से कारण है हमारे राष्ट्र के पतन के ||
सोचिये और इस भ्रम से निकालिए की आपके पड़ोस में भगत सिंह जन्म लेंगे और आपका उद्धार करेगे ,,,
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