Sunday, February 24, 2013

शिक्षक

जो सच्चा शिक्षक होता है वह जानता है कि वस्तुत: कोई किसी कि सहायता नही कर सकता| मनुष्य के स्वं के लिए जो करणीय है उसे कोई दूसरा उसके लिए नहीं कर सकता| किसी दूसरे का करना उचित भी नहीं होगा| शिक्षक तो छात्र को सिर्फ प्रोत्साहित कर सकता है| जिससे कि वह अपनी स्वं कि सहायता करे और उसके इस आत्म-विकास में आने वाली बाधाओं को शिक्षक ही दूर कर सकता है| छात्र को अपने पैरों पर खड़ा होकर स्वभिलाम्बी बनना पड़ेगा, उसको अपना विकास स्वं करना पड़ेगा.....

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