*आज के पढ़े लिखे महान लोगों की सोच व समझ का दर्पण*
पढाई अच्छी हो या न हो स्कूल बड़ा होना चाहिए,
रिश्ता ठीक से निभे न निभे लेकिन उपहार बड़ा होना चाहिए,
चाहे कर्ज लेना पड़े पर घर, गाड़ी सब बड़ा होना चाहिए,
खाना ठीक हो या न हो लेकिन रेस्टोरेंट बड़ा होना चाहिए.
विवाह संस्कार ठीक से हो न हों पर शादी में टेंट और बजट बड़ा होना चाहिए.
खेती की जमीन हो या न हो लेकिन बड़े शहर में घर होना चाहिए ।
*छोटे गांव के बड़े घर को छोड़कर बड़े शहर के छोटे घर मे खुशी से रहते हैं क्योंकि बड़े लोग हैं न भाई*
और इन सबको बड़ा करने के चक्कर में जिन्दगी, ख़ुशी कहीं छोटे से कोने में दुबकी रहती है जो बाद या तो अस्पताल में बड़ी दिखती है या शमशान में .....
क्या आप भी बड़े वाले हैं ❓❓
Via- नवनीत सिंघल
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