दिया कुछ इस तरह से जल गया,
कि पूरे घर में कालिख मल गया |
ढलेगी बाढ़ तो आएँगे नेता,
ये न समझो कि खतरा टल गया |
जिस हसीं दुनिया के खींचे थे नक्से,
हुई मुद्दत वो काग़ज गल गया |
दशहरा देख खुश हैं ये बच्चे,
समझते हैं कि रावण जल गया |
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
Wednesday, October 5, 2011
Sanjiv bhatt vs narendra modi
संजीव भट्ट बहुत ही महत्वाकांक ्षी व्यक्ति है .. उन्हें रिटायरमेंट के बाद केन्द्र सरकार मे कोई बड़ी नियुक्ति का लालचकांग्रेस के नेताओ ने दिया..फिर ये पूरा खेल खेला गया ..???????? ?????????? ?? आखिर इसदेश की नीच मीडिया संजीव भट्ट
की पूरी सच्चाई इस देश को क्यों नहीं बताती ?? मित्रों कांग्रेस और विदेशी ताकतों केफेके टुकड़े पर पलने वाली भांड मिडिया आखिर संजीव भट्ट के बारे मे इस देश के सामने सिर्फ आधी सच्चाई ही क्यों दिखा रही है ? असल मे संजीव भट्ट एक"विसिल ब्लोव्वर "नहीं बल्कि कांग्रेस के हाथोखेलने वाले एक"खिलौना " भर है .. जैसे कोई बच्चा किसी खिलौने से सिर्फ कुछ दिन खेलकर उसे कूड़ेदान मे फेक देता है ठीक वही हाल कांग्रेस संजीव भट्ट का भी करने वाली है .. एक बार अमर सिंह से पूछ लो कांग्रेस क्या है ? लेकिन मीडिया जिस तरह से संजीव भट्ट को एक "नायक " दिखा रही है वो एक झूठ है . मै आपको संजीवभट्ट के बारे मे सच बताता हूँ :- १- जब ये जनाब १९९६ मे बनासकाठा के एसपी थे तब इन्होने सिपाही पद की भर्ती मे बड़ा घोटाला किया था . इनके खिलाफ बड़े गंभीर आरोप लगे ..इन्होने भर्ती की पूरी प्रक्रिया को नकार दिया था और ना ही उमीदवारों के रिकार्ड रखे थे . २-ये जनाब २००१ में राजस्तान [पाली]का एक वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित जो अपनी कार से अहमदाबाद आ रहा था उससे चेकिंग के नाम पर पैसे की मांग की थी जब उसने मना किया तो इन्होने उसके कर में ५०० ग्राम हेरोइन बरामद बताकर उसे नार्कोटिक् स की गंभीर धाराओं मेंजेल में डाल दिया.. असल में उस वकील के पास उस वक्त कोई सुबूत नहीं था जिससे पता चले की वो एक वकील है .. बाद में पाली बार एसोसियेसन की अपील पर राजस्थानहाई कोर्ट ने क्राईम ब्रांच सेअपने अंडर जाँच करवाई तो संजीव भट्ट को दोषी पाया गया .. जिसके खिलाफ संजीव भट्टने सुप्रीम कोर्टमें अपील किया जो आज भी चल रहा है.. लेकिन भारत सरकारके मानवाधिकार आगोग ने अपनी जाचं में संजीव भट्ट को दोषी पाते हुए गुजरात सरकार को सुमेर सिंह राजपुरोहित को एक लाख रूपये हर्जाना अदा करकेका हुक्कम
दिया जो गुजरात सरकार के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से अदा किया गया .. ये सारी घटनाये गुजरात दंगे से पहले की है .. ....
की पूरी सच्चाई इस देश को क्यों नहीं बताती ?? मित्रों कांग्रेस और विदेशी ताकतों केफेके टुकड़े पर पलने वाली भांड मिडिया आखिर संजीव भट्ट के बारे मे इस देश के सामने सिर्फ आधी सच्चाई ही क्यों दिखा रही है ? असल मे संजीव भट्ट एक"विसिल ब्लोव्वर "नहीं बल्कि कांग्रेस के हाथोखेलने वाले एक"खिलौना " भर है .. जैसे कोई बच्चा किसी खिलौने से सिर्फ कुछ दिन खेलकर उसे कूड़ेदान मे फेक देता है ठीक वही हाल कांग्रेस संजीव भट्ट का भी करने वाली है .. एक बार अमर सिंह से पूछ लो कांग्रेस क्या है ? लेकिन मीडिया जिस तरह से संजीव भट्ट को एक "नायक " दिखा रही है वो एक झूठ है . मै आपको संजीवभट्ट के बारे मे सच बताता हूँ :- १- जब ये जनाब १९९६ मे बनासकाठा के एसपी थे तब इन्होने सिपाही पद की भर्ती मे बड़ा घोटाला किया था . इनके खिलाफ बड़े गंभीर आरोप लगे ..इन्होने भर्ती की पूरी प्रक्रिया को नकार दिया था और ना ही उमीदवारों के रिकार्ड रखे थे . २-ये जनाब २००१ में राजस्तान [पाली]का एक वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित जो अपनी कार से अहमदाबाद आ रहा था उससे चेकिंग के नाम पर पैसे की मांग की थी जब उसने मना किया तो इन्होने उसके कर में ५०० ग्राम हेरोइन बरामद बताकर उसे नार्कोटिक् स की गंभीर धाराओं मेंजेल में डाल दिया.. असल में उस वकील के पास उस वक्त कोई सुबूत नहीं था जिससे पता चले की वो एक वकील है .. बाद में पाली बार एसोसियेसन की अपील पर राजस्थानहाई कोर्ट ने क्राईम ब्रांच सेअपने अंडर जाँच करवाई तो संजीव भट्ट को दोषी पाया गया .. जिसके खिलाफ संजीव भट्टने सुप्रीम कोर्टमें अपील किया जो आज भी चल रहा है.. लेकिन भारत सरकारके मानवाधिकार आगोग ने अपनी जाचं में संजीव भट्ट को दोषी पाते हुए गुजरात सरकार को सुमेर सिंह राजपुरोहित को एक लाख रूपये हर्जाना अदा करकेका हुक्कम
दिया जो गुजरात सरकार के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से अदा किया गया .. ये सारी घटनाये गुजरात दंगे से पहले की है .. ....
Sanjiv bhatt... vs narendra modi
३-अहमदाबाद के पास अडालज में नर्मदा केनाल के करीब २००० वार की सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे है .. जब ये बात मीडिया में आई तो उन्होंने बताया की उन्होंने सुरम्य सोसाइटी में १००० वार का प्लाट ख़रीदा है जो उनकी माँ के नाम है .. उन्होंनेउस प्लाट की बाउंड्री करवा करउनमे दो कमरे भी बनवा दिए लेकिन जब प्लाट को नापा गया तो वो २००० वार का निकला . असलमें इन्होने केनाल की तरफ सरकारी जमीन को भी अपने कब्ज्जे में ले लिया .. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा की आपने अपने सम्पतिडिक्लेरेशन में इस प्लाट का जिक्र क्यों नहींकिया तो वो चूप हो गए .. और मोदी सरकार पर उलटे ये आरोप लगाने लगे की उनको बदनाम किया जा रहा है .. ४- 1990 में जब संजीव भट्ट जी जाम नगर में
डीएसपी थे तो पुलिस की पिटाई से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई , संजीव भट्ट समेत छ अन्य पुलिस वाले आरोपी बनाए गए | ये केस आज भी जाम खंभालिया कोर्ट मे चल रहा है .. ५- ये जनाब लगातार १० महीने तक डियूटी से अनुपस्थित रहे..और सरकार की किसीभी नोटिस का ठीक से जबाब नहीं दिया ६- इनके उपर एक कांस्टेबल के डी पंथ ने बहुत ही गंभीर आरोप लगायेहै .. इन्होने मोदीके उपर लगाये गए आरोपों को और मजबूत करने के इरादे से पंथ का अपहरण करके गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोधवाडिया के बंगले पर ले गये और फिर वहा पर उससे जबरजस्ती कईफर्जी कागजो पर साइन करवाया . ७- इनके उपर गुजरात के सहायक अटार्नीजनरल का ई मेल हैक करके कई गोपनीय सुचनाये चुराने
का केस दर्ज है..जिसमे आई टी एक्टभी लगाया गया है ८- इन्होने मोदी के उपर जिस मीटिंग मे मुसलमानों के उपरहमलेका आदेश देनेका आरोप लगाया है तत्कालीन डीजीपी श्री के चक्रवर्ती ने कहाकी संजीव भट्ट उस बैठक में शामिल ही नहीं थे जिसका जिक्र संजीव भट्टने एफिडेविट में किया है | ९- आखिर इनके एफिडेविट कोसुप्रीम कोर्ट नेलेने से ही मना क्यों कर दिया ?
मित्रों , अब मै इसदेश की मीडिया जो कांग्रेस के हाथोबिक चुकी है क्या मेरे इन सवालों का जबाब देगी ? १-आखिर मिडिया संजीव भट्ट या उनके पत्नी से ये क्यों नहीं पूछताकि आखिर इन्होने गुजरात दंगे के १० साल के बाद क्यों अचानक अपनाफर्ज याद आया ? २-आखिर ये १० साल तक चूप क्यों थे ??क्या इनका जमीर १० साल के बाद जगा जब रिटायरमेंट केबाद केद्र मे कांग्रेस के द्वारा बड़ा पद मिलने का लालच दिया गया ? ३
डीएसपी थे तो पुलिस की पिटाई से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई , संजीव भट्ट समेत छ अन्य पुलिस वाले आरोपी बनाए गए | ये केस आज भी जाम खंभालिया कोर्ट मे चल रहा है .. ५- ये जनाब लगातार १० महीने तक डियूटी से अनुपस्थित रहे..और सरकार की किसीभी नोटिस का ठीक से जबाब नहीं दिया ६- इनके उपर एक कांस्टेबल के डी पंथ ने बहुत ही गंभीर आरोप लगायेहै .. इन्होने मोदीके उपर लगाये गए आरोपों को और मजबूत करने के इरादे से पंथ का अपहरण करके गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोधवाडिया के बंगले पर ले गये और फिर वहा पर उससे जबरजस्ती कईफर्जी कागजो पर साइन करवाया . ७- इनके उपर गुजरात के सहायक अटार्नीजनरल का ई मेल हैक करके कई गोपनीय सुचनाये चुराने
का केस दर्ज है..जिसमे आई टी एक्टभी लगाया गया है ८- इन्होने मोदी के उपर जिस मीटिंग मे मुसलमानों के उपरहमलेका आदेश देनेका आरोप लगाया है तत्कालीन डीजीपी श्री के चक्रवर्ती ने कहाकी संजीव भट्ट उस बैठक में शामिल ही नहीं थे जिसका जिक्र संजीव भट्टने एफिडेविट में किया है | ९- आखिर इनके एफिडेविट कोसुप्रीम कोर्ट नेलेने से ही मना क्यों कर दिया ?
मित्रों , अब मै इसदेश की मीडिया जो कांग्रेस के हाथोबिक चुकी है क्या मेरे इन सवालों का जबाब देगी ? १-आखिर मिडिया संजीव भट्ट या उनके पत्नी से ये क्यों नहीं पूछताकि आखिर इन्होने गुजरात दंगे के १० साल के बाद क्यों अचानक अपनाफर्ज याद आया ? २-आखिर ये १० साल तक चूप क्यों थे ??क्या इनका जमीर १० साल के बाद जगा जब रिटायरमेंट केबाद केद्र मे कांग्रेस के द्वारा बड़ा पद मिलने का लालच दिया गया ? ३
करके खर्चा कितना सारा, पुतला सिर्फ जलाते हो
पर अन्दर के रावण पर तुम, काबू ना पापाते हो
जब दौलत की खातिर, अपने भाई को दफनाते हो
मात -पिता के आंसूभी तुम, जब हंसकर पी जाते हो
फिर ये मेला कैसा भैया, कुछ मन में पड़ताल करो
कुछ सीखो भी विजय पर्व से, क्यों हर साल मनाते हो
राम की पूजा करते हो पर, नफरत ही फैलाते हो
कैसे राम मिलेंगेजब तुम, राम को रोज़ लजाते हो
पर अन्दर के रावण पर तुम, काबू ना पापाते हो
जब दौलत की खातिर, अपने भाई को दफनाते हो
मात -पिता के आंसूभी तुम, जब हंसकर पी जाते हो
फिर ये मेला कैसा भैया, कुछ मन में पड़ताल करो
कुछ सीखो भी विजय पर्व से, क्यों हर साल मनाते हो
राम की पूजा करते हो पर, नफरत ही फैलाते हो
कैसे राम मिलेंगेजब तुम, राम को रोज़ लजाते हो
Monday, October 3, 2011
1.राष्ट्र की शक्ति : - हमारे देश भारत में 89 प्रकार की भूसम्पदाएं हैं-लोहा, कोयला, ताम्बा, सोना, चांदी, हीरा, एल्यूमिनिय म आदि धतुएँ तथा गैस व पेट्रोल से लेकर बहुत से मिनरल्स हैं इन सबके ज्ञात भण्डार (रिजर्वस) का यदि आर्थिक मूल्यांकन किया जाए तो यह करीब 10 हजार लाख करोड़ रुपये होते है। इसमें अकेला कोयला ही (केवल ज्ञात भण्डार) 276.81 बिलियन टन हैजिसका मूल्य लगभग950 लाख करोड़ है तथा लोहे के ज्ञात भण्डार लगभग 15.15 बिलियन टन है। ऐसी ही अन्य बहुत सी बेशकीमती चीजें भारत माता के गर्भ में छिपी हैं। यदि हमने इन बेईमान लोगों को नही हटाया तो ये सब देश की सभी सम्पदाओं को लूट लेंगे। भूसम्पदाओं के अतिरिक्त जल, जंगल, जमीन, जड़ी-बूटी व अन्य राष्ट्रीय सम्पदाओं के साथ-साथ बौद्धिक, आर्थिक, चारित्रकि व आध्यात्मिक दृष्टि से भी भारत दुनियाँ का सबसे बलवान व धनवान देश है।
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