ऊधम सिंह के अन्तिम शब्द थे -
“मैं परवाह नहीं करता, मर जाना कोई बुरी बात नहीं है। क्या फायदा है यदि मौत का इंतजार करते हुए हम बूढ़े हो जाएँ? ऐसा करना कोई अच्छी बात नहीं है। यदि हम मरना चाहते हैं तो युवावस्था में मरें। यही अच्छा है और यही मैं कर रहा हूँ।
“मैं अपने देश के लिए मर रहा हूँ।”
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