क्या आप जानते है की जिन बाजारू पेय पदार्थो को आप बड़े शौक से पीते है,वे आपके दांतों और हड्डियों के गलाने के साधन है!
इन पेय पदार्थो का 'पीएच (सांद्रता) सामान्यत:३.४ होता है,जो की दांतों और हड्डियों को गलाने के लिए पर्याप्त है!
लगभग ३० वर्ष की आयु पूरी करने के बाद हमारे शरीर में हड्डियों के निर्माण की प्रक्रिया बंद हो जाती है!इसके पश्चात् खाद पदार्थो में ऐसीडिटी (अम्लता)की मात्रा के अनुसार हड्डिया गलनी प्रारंभ हो जाती है!
यदि स्वास्थ्य की द्रष्टि से देखा जाय तो इन पेय पदार्थो में विटामिन अथवा खनिज तत्वों का नामोनिशान भी नहीं है!इनमे शक्कर,कार्बोलिक
अम्ल तथा एनी रसौनो की प्रचुर मात्रा होती है!हमारे शारीर का सामान्य
तापमान ३७ डिग्री सेल्सियस होता है जबकि किसी शीतल पेय पदार्थ का तापमान
इससे बहुत कम,यहा तक ०दिग्रि तक भी होता है शरीर के तापमान और शरीर के
तापमान तथा पेय पदार्थो के तापमान के बीच इतनी अधिक विषमता व्यक्ति के
पाचनतंत्र पर बहुत प्रभाव डालती है!परिणामस्वरूप
व्यक्ति ने जो भोजन खाया वो अपचा ही रह जाता है जिससे गैस व् बदबू उत्पन्न
होकर दांतों में फ़ैल जाती है और अनेको बीमारियों को जन्म देती है!एक
प्रयोग के दौरान एक दन्त को पेय पदार्थ की बोतल में बंद कर के रख दिया
गया!दस दिन बाद निरिक्षण हेतु निकला गया ,परन्तु वह दाँत बोतल के अन्दर था
ही नहीं अर्थात वह उसमे घुल गया था !जरा सिचिये इतने मजबूत दाँत को जो
पेय पदार्थ गला सकता है तो फिर उन कोमल तथा नर्म आंतो का क्या हाल होता
होगा जिनमे ये पेय पदार्थ पाचन क्रिया के लिए घंटो पड़े रहते है! ----भगवन
रक्षा करना इन पेय पदार्थो से!
इन पेय पदार्थो का 'पीएच (सांद्रता) सामान्यत:३.४ होता है,जो की दांतों और हड्डियों को गलाने के लिए पर्याप्त है!
लगभग ३० वर्ष की आयु पूरी करने के बाद हमारे शरीर में हड्डियों के निर्माण की प्रक्रिया बंद हो जाती है!इसके पश्चात् खाद पदार्थो में ऐसीडिटी (अम्लता)की मात्रा के अनुसार हड्डिया गलनी प्रारंभ हो जाती है!
यदि स्वास्थ्य की द्रष्टि से देखा जाय तो इन पेय पदार्थो में विटामिन अथवा खनिज तत्वों का नामोनिशान भी नहीं है!इनमे शक्कर,कार्बोलिक
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