दुनिया की जो विशिष्ठ भाषा मानी जाती है जैसे डच, इटालियन, जेर्मन,
स्पनिश, फ्रेन्च, रसियन, डेनिश, पोर्तुगिश इत्यादि सभी भाषाए संस्कृत से
निकली है | जेर्मनी के लोग स्वीकार कर जुके है की जेर्मन भाषा संस्कृत की
देन है और उन्होंने अपनी एयरलाइन का
नाम संस्कृत में लुप्तहंसा रखा है | आजकल जेर्मनी में विस्वबिद्यालय में संस्कृत की पड़ाइ पे सबसे जादा पैसे खर्च किया जा रहा है | जेर्मनी दुनिया का पहला देश है जो अपने एक विस्यबिद्यालय संस्कृत की पड़ी के लिए समर्पित कर दिए जहाँ पर एक बिभाग सिर्फ चरक संहिता के लिए समर्पित है |
कोमुटर को चलने के लिए जो सबसे अछि भाषा का उपियोग हो सकता है वो है संस्कृत और दुनिया में सबसे अछि अल्गोरिदम संस्कृत में ही बनी है |
संस्कृत की एक विशेषता है की इसका व्याकरण एकदम पक्का है जो लाखो साल से एक ही है | इसीलिए जेर्मन और फ्रेन्च भाषा संस्कृत को आधार मानते है | संस्कृत में शब्दरूप और धातुरूप होते है ऐसे दुनिया के ५६ भाषा में है |
संस्कृत भाषा में शब्दों का सबसे बड़ा भंडार है दुनिया के सबसे जादा बोली जाने वाली भाषाओँ में से भी जादा शब्द भंडार संस्कृत में है | संस्कृत भाषा में अब तक जितने शब्दों का उपियोग हो जुका है उसकी शंख्या है १०२ अरब ७८ करोर ५० लाख | संस्कृत पंडित यों के अनुसार संस्कृत में अनन्त शब्द भंडार है | सबसे बड़ी बात सबसे कम शब्दों में सिर्फ संस्कृत भाषा में ही कहा जा सकता है | http:// youtu.be/ 1oQ2LMp17qs
नाम संस्कृत में लुप्तहंसा रखा है | आजकल जेर्मनी में विस्वबिद्यालय में संस्कृत की पड़ाइ पे सबसे जादा पैसे खर्च किया जा रहा है | जेर्मनी दुनिया का पहला देश है जो अपने एक विस्यबिद्यालय संस्कृत की पड़ी के लिए समर्पित कर दिए जहाँ पर एक बिभाग सिर्फ चरक संहिता के लिए समर्पित है |
कोमुटर को चलने के लिए जो सबसे अछि भाषा का उपियोग हो सकता है वो है संस्कृत और दुनिया में सबसे अछि अल्गोरिदम संस्कृत में ही बनी है |
संस्कृत की एक विशेषता है की इसका व्याकरण एकदम पक्का है जो लाखो साल से एक ही है | इसीलिए जेर्मन और फ्रेन्च भाषा संस्कृत को आधार मानते है | संस्कृत में शब्दरूप और धातुरूप होते है ऐसे दुनिया के ५६ भाषा में है |
संस्कृत भाषा में शब्दों का सबसे बड़ा भंडार है दुनिया के सबसे जादा बोली जाने वाली भाषाओँ में से भी जादा शब्द भंडार संस्कृत में है | संस्कृत भाषा में अब तक जितने शब्दों का उपियोग हो जुका है उसकी शंख्या है १०२ अरब ७८ करोर ५० लाख | संस्कृत पंडित यों के अनुसार संस्कृत में अनन्त शब्द भंडार है | सबसे बड़ी बात सबसे कम शब्दों में सिर्फ संस्कृत भाषा में ही कहा जा सकता है | http://
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