शहीद भगत सिंह के अनमोल शब्द (4 Feb 1931).........
“हमारे असली क्रन्तिकारी गावों और कस्बों में हैं। हमारे किसान और मजदूर। ये वो सोये हुए शेर हैं जिनके जागने पर क्रांति का तूफ़ान रोकना नामुमकिन हो जायेगा। लेकिन इन्हें जगाने की हिम्मत हमारे मौजूदा लीडर भी नहीं कर पा रहे .... एक तरफ महात्मा गाँधी अपने उटोपिया के सपने देख रहे हैं. लेकिन वो और उनकी पार्टी हमे सिर्फ इतना बता दे की इतने सालों में इन्होने भारत के मजदूर और किसानों को संगठित करने का कौन सा प्रयास किया है? मौजूदा कांग्रेस और उसके नेता ये जानते हैं की अगर उन्होंने इन सोये हुए शेरों को जगा दिया तो ये शेर इतने खतरनाक हैं की सायद ब्रिटिसर्स तो क्या इनकी सत्ता को भी हिला दें..... इसीलिए हमारे मौजूदा लीडर इन मजदूरों और किसानों को संगठित नहीं करना चाहते।
मै देश के युवा और प्रबुद्धों से ये अपेक्षा करता हूँ की वो इस बात को समझेंगे की हमें कुछ नहीं करना… बस अपनी ताकत को समझना है... जिस दिन हम अपनी ताकत को समझ गए उस दिन हम आजाद हो जायेंगे..... सही मायनों में आजाद..... अगर आज से ही ये काम शुरू कर दिया जाये तो केवल २० साल लगेंगे पूरे भारत के आम आदमी को संगठित होने में...... और तब स्वराज आएगा ,,,, तब आज़ादी आयेगी .... लेकिन तब भी काम खतम नहीं होगा... हमे हर उस व्यवस्था को खत्म करना होगा , जो इंसान के इंसान पर शोषण के लिए जिम्मेदार हैं.........”
इन्कलाब जिंदाबाद .....
(Bhagat Singh's Last message to all Indians)
LONG LIVE REVOLUTION
“हमारे असली क्रन्तिकारी गावों और कस्बों में हैं। हमारे किसान और मजदूर। ये वो सोये हुए शेर हैं जिनके जागने पर क्रांति का तूफ़ान रोकना नामुमकिन हो जायेगा। लेकिन इन्हें जगाने की हिम्मत हमारे मौजूदा लीडर भी नहीं कर पा रहे .... एक तरफ महात्मा गाँधी अपने उटोपिया के सपने देख रहे हैं. लेकिन वो और उनकी पार्टी हमे सिर्फ इतना बता दे की इतने सालों में इन्होने भारत के मजदूर और किसानों को संगठित करने का कौन सा प्रयास किया है? मौजूदा कांग्रेस और उसके नेता ये जानते हैं की अगर उन्होंने इन सोये हुए शेरों को जगा दिया तो ये शेर इतने खतरनाक हैं की सायद ब्रिटिसर्स तो क्या इनकी सत्ता को भी हिला दें..... इसीलिए हमारे मौजूदा लीडर इन मजदूरों और किसानों को संगठित नहीं करना चाहते।
मै देश के युवा और प्रबुद्धों से ये अपेक्षा करता हूँ की वो इस बात को समझेंगे की हमें कुछ नहीं करना… बस अपनी ताकत को समझना है... जिस दिन हम अपनी ताकत को समझ गए उस दिन हम आजाद हो जायेंगे..... सही मायनों में आजाद..... अगर आज से ही ये काम शुरू कर दिया जाये तो केवल २० साल लगेंगे पूरे भारत के आम आदमी को संगठित होने में...... और तब स्वराज आएगा ,,,, तब आज़ादी आयेगी .... लेकिन तब भी काम खतम नहीं होगा... हमे हर उस व्यवस्था को खत्म करना होगा , जो इंसान के इंसान पर शोषण के लिए जिम्मेदार हैं.........”
इन्कलाब जिंदाबाद .....
(Bhagat Singh's Last message to all Indians)
LONG LIVE REVOLUTION
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