आठवां फेल अन्ना और उनकी NGO चलाने वाली टीम जो कि विदेशी चंदे से चलती है तथा उनके कुछ समर्थक चाहतें हैं कि कोई दिमाग न लगाये, अपना विवेक टीम अन्ना के पास गिरवी रख दे. क्योंकि अब इस देश के लिए जो सोचना है ,जो करना है वो केवल टीम अन्ना ही सोचेगी और टीम अन्ना ही करेगी. इसलिए देशवासियों अपनी ऑंखें बंद करो और जैसे टीम अन्ना कहे करते जाओ. क्योंकि अब इस देश के ठेकेदार अन्ना हजारे और टीम अन्ना है.
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