Saturday, September 22, 2012

*अंगेजी कानूनों के २ जबरदस्त पहलू जो आज भी बहुत कारगर हैं जनता को चुप करने के लिए,


    *अंगेजी कानूनों के २ जबरदस्त पहलू जो आज भी बहुत कारगर हैं जनता को चुप करने
    के लिए, ये फंडे अंग्रेजो ने आयरलैंड में अजमा लिया था .*

    भारत के लगभग सभी कानून हुबहू वाही हैं जो अंग्रेजो ने सबसे पहले आयरलैंड को
    गुलाम बनाने के लिए बनाये थे और उनका बहुत तगड़ा परिणाम मिला था. अंग्रेजी
    कानून के दो मुख्या सिद्धांत हुआ करते थे:

    १)कानून को इस तरह बनाया जाये की जनता आम जीवन में रोज इसका उल्लंघन करने के
    लिए बाध्य हो जाये.

    २)कानून का बार बार उल्लंघन करके जनता में इतना अपराध बोध हो जाये की वह
    हुकूमत करने वालो के बड़े से बड़े अपराध की तरफ भी उंगली न उठा पाए.

    आयरलैंड में आजमाए गए इस व्यवस्था की वजह से अंग्रेजो उन्ही कानूनों को बिना
    किसी परिवर्तन के भारत में पूरी तरह लागू कर दिया था और वे भारत को इन्ही
    कानूनों के बल पर बड़े मजे से २५० सालो तक बेख़ौफ़ होकर राज किया. उन्होंने हर
    जरुरी काम के लिए परमिट और लाइसेंस का प्राविधान कर रखा था जिससे जब चाहे जनता
    को फंसाया जा सके.

    सबसे मजे की बात है की इन्ही कानूनों को भारत में स्वतंत्रता के बाद भी बिना
    किसी फेर बदल के नेहरू ने “ट्रांसफर ऑफ पॉवर अग्रीमेंट” के तहत लागू कर दिया
    जो आज भी चल रहे है. भारत के वर्तमान कानून में ऐसे ऐसे प्राविधान की हम लोग
    उनका उल्लंघन करते हुए अपराधबोध से ग्रस्त हो चुके है और इसे वजह से नेताओ के
    बड़े से बड़े अपराध पर भी उंगली नहीं उठा पाते है. अंगेजो ने भारतीयों को छोटे
    से छोटे अपराध के लिए जेलों में डाला और स्वयं बड़े अपराध करके बचते रहे. आज
    भी वाही हो रहा है. अंग्रेजो ने हर अपराध की एक ही सजा बना रखी थे जिसमे सबसे
    पहले जनता ही उल्लंघन करके फंस जाती थी. इसमे अंग्रेजो ने काफी दिमाग खर्च
    किया था. जैसे चोरी छोटी या बड़ी, सब बराबर है.... और जनता उसे भुगत रही है.

    हमें सबसे पहले अपराध का श्रेणीकरण करके उसका दंड निर्धारित करना होगा. १०००
    रुपये और अरबो रुपये के भ्रष्टाचार में अंतर करके दंड बनाना होगा अदि....

Friday, September 21, 2012

क्या आप जानते हैं? -


 भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया और भारत ने अपने 10 हजार वर्षों के इतिहास में, सक्षम होते हुए भी कभी किसी अन्य देश पर आक्रमण नही किया। आइए, भारत के बारे में कुछ जानें:

 # भारतीय सँस्कृति व सभ्यता विश्व की पुरातन में से एक है।

 # भारत दुनिया का सबसे पुरातन व सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

 # भारत ने शून्य की खोज की। अंकगणित का आविष्कार 100 ईसा पूर्व भारत मे हुआ था।

 #हमारी संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी मानी जाती है। सभी यूरोपीय भाषाएँ संस्कृत पर आधारित मानी जाती है।

 #सँसार का प्रथम विश्वविद्यालय 700 ई. पू. तक्षशिला में स्थापित की गई थी। तत्पश्चात चौथी शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।

 #5000 वर्ष पूर्व जब अन्य संस्कृतियां खानाबदोश व वनवासी जीवन जी रहे थे तब भारतीयों ने सिंधु घाटी की सभ्यता में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।

 #महर्षि सुश्रुत सर्जरी के आविष्कारक माने जाते हैं। 2600 साल पहले उन्होंने अपने समय के स्वास्थ्य वैज्ञानिकों के साथ प्रसव, मोतियाबिंद, कृत्रिम अंग लगाना, पत्थरी का इलाज और प्लास्टिक सर्जरी जैसी कई तरह की जटिल शल्य चिकित्सा के सिद्धांत प्रतिपादित किए।

 #ब्रिटिश राज से पहले तक भारत विश्व का सबसे समृद्ध राष्ट्र था व इसे, 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था।

 #आधुनिक भवन निर्माण पुरातन भारतीय वास्तु शास्त्र से प्रेरित है।

 #कुंग फू मूलत: एक बोधिधर्म नाम के बोद्ध भिक्षु के द्वारा विकसित किया गया था जो 500 ई के आसपास भारत से चीन गए।

 #वाराणसी अथवा बनारस दुनिया के सबसे प्राचीन नगरों में से एक है। महात्मा बुद्ध ने 500 ई. पू. बनारस की यात्रा की थी। बनारस विश्व का एकमात्र ऐसा प्राचीन नगर है जो आज भी अस्तित्व में है।

 #सबसे प्राचीन उपचार प्रणाली आयुर्वेद है। आयुर्वेद की खोज 2500 साल पहले की गई थी।

 #बीजगणित की खोज भारत में हुई।

 #रेखा गणित की खोज भारत में हुई थी।

 #शतरंज अथवा अष्टपद की खोज भारत मे हुई थी।

 #हिन्दू, बौद्ध, जैन अथवा सिख धर्मों का उदय भारत में हुआ।

 #कम्प्यूटर के लिए सबसे उपयुक्त भाषा भी संस्कृत ही मानी है।

शहीद होने से एक दिनपूर्व रामप्रसाद बिस्मिल ने अपने एक मित्र को निम्न पत्र लिखा -



 "19 तारीख को जो कुछ होगा मैं उसके लिए सहर्ष तैयार हूँ।
 आत्मा अमर है जो मनुष्य की तरह वस्त्र धारण किया करती है।"
 यदि देश के हित मरनापड़े, मुझको सहस्रो बार भी।
 तो भी न मैं इस कष्ट को, निज ध्यान में लाऊं कभी।।
 हे ईश! भारतवर्ष में, शतवार मेरा जन्म हो।
 कारण सदा ही मृत्यु का, देशीय कारक कर्महो।।
 मरते हैं बिस्मिल, रोशन, लाहिड़ी, अशफाकअत्याचार से।
 होंगे पैदा सैंकड़ों, उनके रूधिर की धार से।।
 उनके प्रबल उद्योग से, उद्धार होगा देशका।
 तब नाश होगा सर्वदा,दुख शोक के लव लेश का।।
 सब से मेरा नमस्कार कहिए,
 तुम्हारा
 बिस्मिल"|

Thursday, September 20, 2012

क्या हम ऐसे देशों से कुछ सबक, कुछ सीख नहीं ले सकते ???


इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र में गिना जाता है, वहां की सरकार ने ऐसे नोट जारी किये 
 जिस पर विघ्न हर्ता "गणेश जी" का चित्र छापा गया..
 वहाँ के एयरलाइनस का नाम "गरुड़" हैं