ऐ मेरे वतन के लोगो! ज़रा आँख मेंभरलो पानी!
जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करोक़ुरबानी |प|
जब घायल हुआ हिमालय! खतरे में पड़ी आज़ादी!
जब तक थी साँस लड़ेवो! फिर अपनी लाश बिछादी
संगीन पे धर कर माथा! सो गये अमर बलिदानी!
... जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करोक़ुरबानी |१|
जब देश में थी दीवाली! वो खेल रहेथे होली!
जब हम बैठे थे घरोंमें! वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने! थी धन्य वो उनकी जवानी!
जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करोक़ुरबानी |२|
कोई सिख कोई जाट मराठा -२! कोई गुरखा कोई मदरासी -२!
सरहद पे मरनेवाला! हर वीर था भारतवासी
जो ख़ून गिरा पर्वत पर! वो ख़ून था हिंदुस्तानी!
जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करोक़ुरबानी |३|
थी खून से लथपथ काया! फिर भी बन्दूक उठाके!
दस-दस को एक ने मारा! फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त समय आया तो! कह गये के अब मरते हैं!
ख़ुश रहना देश के प्यारो -२! अब हम तो सफ़र करते हैं -२
क्या लोग थे वो दीवाने! क्या लोग थे वो अभिमानी!
जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करोक़ुरबानी |४|
तुम भूल न जाओ उनको! इसलिये कही ये कहानी!
जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करोक़ुरबानी
जय हिन्द।
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