Sunday, September 9, 2012

महंगाई का ये दानव

चहकते हुए पड़ोस में
मातम सा छा गया है
महंगाई का ये दानव
एक दम से आ गया है!
मांगी थी फीस उसने
चांटा दिया पिता ने,
स्कूल आज बच्चा
रोता हुआ गया है!
वो भूख से तड़पकर
मजदूर मर रहा है,
सारे जहाँ की रोटी
ये कमबख्त खा गया है!
इस बार मेरी बहना
राखी न भेजना तू ,
ससुराल में बहन को
ये ख़त रुला गया है !!
/अज्ञात

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