सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
Monday, February 20, 2012
Saturday, February 18, 2012
नेता की अभिलाषा :
जनता मुझको कुर्सी दे दे , मै नेता बन जाऊँगा,
अपनों को बाँटूंगा दौलत, मै भी धनी हो जाऊँगा!
काम-धाम कुछ नही करूँगा, मौज-मजे औरएश करूँगा,
एक मुझे तू माईक लादे, भाषण खूब सुनाऊँगा!
जनता मुझको कुर्सी दे दे , मै नेता बन जाऊँगा,
कलफ लगे कपडे पहनूँगा, कई-कई कारें रखूँगा,
प्लेन का तू टिक़िट दिलवा दे, विदेश सैर कर आऊँगा!
जनता मुझको कुर्सी दे दे , मै नेता बन जाऊँगा,
अतिक्रमण कर घर बाधूँगा, विदेशों मे खाते खोलूँगा,
एक बार मन्त्री बनवा दे, जीवन भर सुख भोगूँगा!!
जनता मुझको कुर्सी दे दे , मै नेता बन जाऊँगा,
BY :- Lehar Jain.
जनता मुझको कुर्सी दे दे , मै नेता बन जाऊँगा,
अपनों को बाँटूंगा दौलत, मै भी धनी हो जाऊँगा!
काम-धाम कुछ नही करूँगा, मौज-मजे औरएश करूँगा,
एक मुझे तू माईक लादे, भाषण खूब सुनाऊँगा!
जनता मुझको कुर्सी दे दे , मै नेता बन जाऊँगा,
कलफ लगे कपडे पहनूँगा, कई-कई कारें रखूँगा,
प्लेन का तू टिक़िट दिलवा दे, विदेश सैर कर आऊँगा!
जनता मुझको कुर्सी दे दे , मै नेता बन जाऊँगा,
अतिक्रमण कर घर बाधूँगा, विदेशों मे खाते खोलूँगा,
एक बार मन्त्री बनवा दे, जीवन भर सुख भोगूँगा!!
जनता मुझको कुर्सी दे दे , मै नेता बन जाऊँगा,
BY :- Lehar Jain.
Friday, February 17, 2012
1962 मॆं यूनिसेफ ने एक पुस्तक प्रकाशित की जिसमें अंडों को लोकप्रिय बनाने के व्यवसायिक उद्देश्य से अनिषेचित (INFERTILE) अंडों को शाकाहारी अंडे (VEGETARIAN EGG) जैसा मिथ्या नाम देकर भारत के शाकाहारी समाज में भ्रम फैला दिया। 1971 में मिशिगन यूनिवर्सिटी(अमे रिका) के वैज्ञानिक डॉ0 फिलिप जे0 स्केम्बेल ने 'पॉलट्री फीड्स एंड न्युट्रीन' नामक पुस्तक में यह सिद्ध किया कि"संसार का कोई भी अंडा निर्जीव नहीं होता, फिर चाहे वह निषेचित (सेने योग्य) हो या अनिषेचित, अनिषेचित अंडे में भी जीवन होता है, वह एक स्वतंत्रजीव होता है। अंडे के ऊपरी भाग पर हजारो सूक्ष्म छिद्र होते है जिनमे अनिषेचित अंडे का जीव श्वास लेता है", जब तक श्वासोच्छवास की क्रिया होती है, अंडा सडन-गलन से मुक्त रहता है। यह उसमें जीवन होने का प्रत्यक्ष प्रमाण है। "यदि ऐसे अंडे में श्वासोच्छवास की क्रिया बंद हो जाए तो अंडा शीघ्र ही सड जाता है।" इसतरहअंडे को निर्जीव और शाकाहार समकक्ष मनवाना बहुत बडी धूर्तता है, यह मात्र उत्पादकों के व्यापारिक स्वार्थ के खातिर प्रचारित भ्रांतिसे अधिक कुछ भी नहीं है।
Thursday, February 16, 2012
आंसू को तेजाब बना लो
इस दिल को फौलाद बना लो
हाथों को हथियार बना लो
बुद्धि को तलवार बना लो
फिर मेरे संग कदम मिलाकर
प्राणों में तुम आग लगाकर
ललकारों उन मक्कारों को
भारत माँ के गद्दारों को
इस दिल को फौलाद बना लो
हाथों को हथियार बना लो
बुद्धि को तलवार बना लो
फिर मेरे संग कदम मिलाकर
प्राणों में तुम आग लगाकर
ललकारों उन मक्कारों को
भारत माँ के गद्दारों को
Monday, February 13, 2012
Valentine bura nhi hai.
दुनिया कि कोई भि चीज़ बुरी नहीं होती ...न वलेंटाइन दिवस बुरा हैं
बुरा तब होता है जबपार्क में बैठकर, बस स्टैंड में मजनू गलत हरकत करते हैं और 5 साल का लड़का वो सब देख रहा हो
बुरा तब होता है जबकोई व्यक्ति अपने प्यार को गाथा बना कर मित्रों में सुनाता है - और उन्हें दुश्विचारों से ग्रस्त कर देत है
बुरा तब होता है जबलड़की को abortion कराने जाना पड़ता है
बुरा जब होता है जबनंगपने को वलेंटाइन कि आड़ में खुली छूट मिलती है
बुरा जब होता है जबलड़कियां इस फेर में आकर्षक दिखने के लिए अश्लील वस्त्र पहनती हैं और फिर कहीं रेप होजाता है
बुरा तब होता है जबबाप को अपनी बेटी कि करतूत पता चलती है
बुरा तब होता है जबकार्ड में आई लुव यु लिख कर भेज दियाजाता है और अगले हीदिन लड़की कि क्लिप पोर्न वेबसाइट पर डाल दी जाती है!
हमने कब कहा वलिन्ताइन डे बुरा है!! ये तो अच्छा है !! आप अच्छे पर समाज आपको कलंकित अवस्था में देख कर अच्छा बन जाएगा क्या ?
बुरा तब होता है जबपार्क में बैठकर, बस स्टैंड में मजनू गलत हरकत करते हैं और 5 साल का लड़का वो सब देख रहा हो
बुरा तब होता है जबकोई व्यक्ति अपने प्यार को गाथा बना कर मित्रों में सुनाता है - और उन्हें दुश्विचारों से ग्रस्त कर देत है
बुरा तब होता है जबलड़की को abortion कराने जाना पड़ता है
बुरा जब होता है जबनंगपने को वलेंटाइन कि आड़ में खुली छूट मिलती है
बुरा जब होता है जबलड़कियां इस फेर में आकर्षक दिखने के लिए अश्लील वस्त्र पहनती हैं और फिर कहीं रेप होजाता है
बुरा तब होता है जबबाप को अपनी बेटी कि करतूत पता चलती है
बुरा तब होता है जबकार्ड में आई लुव यु लिख कर भेज दियाजाता है और अगले हीदिन लड़की कि क्लिप पोर्न वेबसाइट पर डाल दी जाती है!
हमने कब कहा वलिन्ताइन डे बुरा है!! ये तो अच्छा है !! आप अच्छे पर समाज आपको कलंकित अवस्था में देख कर अच्छा बन जाएगा क्या ?
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