Sunday, July 15, 2012

अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अपने ३ मि. इसे पढने में खर्च करें.......!!!!!



आप भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा फर्क कर सकते.
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आज से 12 महीने पहले 1 अमेरिकी डालर = 39 रुपये का था.
जो आज 12 महीनों के बाद = ५६ - ५७ रुपये का हो गया है......

क्या आपको लगता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था फलफूल रही है? नहीं, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है.

हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था आपके हाथों में है ...

कैसे...........................................................................???????????

एक ठंडा पेय जिसका लागत मूल्य 80/70 पैसा , और रु. ९.०० का बेचा जाता है और इन से लाभ का एक बड़ा हिस्सा विदेशों में भेजा जाता है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था का एक गंभीर पलायन है.

आप इसके बारे में क्या कर सकते हैं?

1. केवल पूर्णतः भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित उत्पाद ही खरीदें.
2.इस के लिए आपको अपनी जीवन शैली बदलने की जरूरत नहीं है. आपको बस इसके लिए एक वैकल्पिक उत्पाद का चयन करने की आवश्यकता है.
उत्पादों की सभी श्रेणियों हम आपकी जानकारी के लिए उपलब्ध करा रहे हैं

पूर्ण भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित उत्पादों की सूची ::::::

ठंडे पेय:>>>कोका कोला, पेप्सी, लिम्का, MIRINDA, स्प्राइट पीने के बजाय<<<
नींबू का रस, ताजा FRUITJUICES, ठंडा लस्सी (मीठा या खट्टा), छास , ठंडा दूध, नारियल पानी, जल जीरा, ENERJEE, और मसाला दुग्ध पियें 

नहाने के साबुन: ->>>लक्स , लाइफबॉय, रेक्सोना , लिरिल, डव, पेयर्स , हमाम, लेसंच्य , कामे , पामोलिव इस्तेमाल करने के बजाय <<<
सिंथोल और अन्य गोदरेज ब्रांड, संतूर, विप्रो shikakai, मैसूर संदल , मार्गो, नीम, Evita, MEDIMIX, गंगा, निरमा स्नान और चंद्रिका का उपयोग करें

टूथ पेस्ट: ->>>कोलगेट , पेप्सोडेंट , सिबाका , फोर्हंस , मेंतादेंट .के बजाय<<<
नीम, बबूल, प्रोमिस, विको वज्रदंती , प्रुदेंट , डाबर उत्पादों, मिस्वाक का उपयोग करें

टूथ ब्रश:->>>कोलगेट , पेप्सोडेंट , सिबाका , फोर्हंस , ओरल बी , के बजाय<<<

प्रोमिस, अजंता, का उपयोग करें

शेविंग क्रीम:->>>पामोलिव, ओल्ड स्पाइस जिल्लेट के बजाय<<<

रेमंड , गोदरेज, इमामी आदि का उपयोग करें..

शेविंग ब्लेड: ->>>सात'ओ क्लोक ,365, जिलेट की बजाय, <<<

सुपेरमक्स, टोपाज , लेज़र , अशोक का उपयोग करें

टेलकम पाउडर: ->>> शावर टू शावर , ओल्ड स्पाइस, जॉनसन बेबी पाउडर, <<< की बजाय 

संतूर, गोकुल, सिंथोल , विप्रो बेबी पाउडर, बोरोप्लस आदि का उपयोग करें

मिल्क पाउडर:->>>अनिक स्प्रे , मिल्काना , एवेरी डे दूध, मिल्क मेड .<<< की बजाय 

इंडियाना, अमूल, अमूल्य का उपयोग करें

शैम्पू: -हेलो , आल क्लियर , हेड एंड शोल्डर , नाइल, सनसिल्क, और पेंटीन
<<<के बजाय
गोदरेज ,निरमा, वेलवेट , हिमालय आदि का उपयोग करें

मोबाइल कनेक्शन:->>>वोडाफोन के बजाय 
बीएसएनएल, एयरटेल, रिलायंस का उपयोग करें.

खाद्य पदार्थों: -KFC, मेक डोनाल्ड , पिज्जा हट, डोमिनोस , सब वे ,के बजाय 

शाकाहारी भोजन करें और घर का बनाया खाना खाओ.

हर भारतीय उत्पाद की खरीद से एक बड़ा फर्क पड़ता है.
यह भारत को बचाता है.हमारी अर्थ व्यवस्था को मज़बूत करता है.
हमें आज ही एक कठोर निर्णय लेना है . नए भारत का निर्माण करना है.
हमारा योगदान हमारे स्वस्थ भारत के लिए.....
भारतीय बनें ............ भारतीय खरीदें .......
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इसके अलावा पतंजली योग पीठ द्वारा निर्मित सभी प्रोडक्ट्स शुद्ध रूप से स्वदेशी हैं.......
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Saturday, July 14, 2012

खतरनाक खानपान को जानिए और सभी को बताइए |




१) अधिकतर चॉकलेट Whey Powder से बनाई जाती हैं| 
२) Cheese बनाने की प्रक्रिया में Whey Powder एक सहउत्पाद है| अधिकतर Cheese भी युवा स्तनधारियों के Rennet से बनाया जाता है| Rennet युवा स्तनधारियों के पेट में पाया जाने वाला एंजाइमों का एक प्राकृतिक समूह है, जो माँ के दूध को पचाने के काम आता है| इसका उपयोग Cheese बनाने में होता है| अधिकतर Rennet को गाय के बछड़े से प्राप्त किया जाता है, क्योंकि उसमे गाय के दूध को पचाने की बेहतर प्रवृति होती है|
(मित्रों यहाँ Cheese व पनीर में बहुत बड़ा अंतर है, इसे समझें|)
आजकल हम भी बच्चों के मूंह चॉकलेट लगा देते हैं, बिना यह जाने की इसका निर्माण कैसे होता है?
दरअसल यह सब विदेशी कंपनियों के ग्लैमर युक्त विज्ञापनों का एक षड्यंत्र है| जिन्हें देखकर अच्छे खासे पढ़े लिखे लोग इनके मोह में ज्यादा पड़ते हैं| आजकल McDonald, Pizza Hut, Dominos, KFC के खाद्द पदार्थ यहाँ भारत में भी काफी प्रचलन में हैं| तथाकथित आधुनिक लोग अपना स्टेटस दिखाते हुए इन जगहों पर बड़े अहंकार से जाते हैं| कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपनी Birth Day Party दोस्तों के साथ यहाँ न मनाएं तो इनकी नाक कट जाती है| वैसे इन पार्टियों में अधिकतर लडकियां ही होती हैं क्योंकि लड़के तो उस समय बीयर बार में होते हैं| मैंने भी अपने बहुत से मित्रों व परिचितों को बड़े शौक से इन जगहों पर जाते देखा है, बिना यह जाने कि ये खाद्द सामग्रियां कैसे बनती हैं? 
३) यहाँ जयपुर में ही मांस का व्यापार करने वाले एक व्यक्ति से एक बार पता चला कि किस प्रकार वे लोग मांस के साथ साथ पशुओं की चर्बी से भी काफी मुनाफा कमाते हैं| ये लोग चर्बी को काट काट कर कीमा बनाते हैं व बाद में उससे घी व चीज़ बनाते हैं| मैंने पूछा कि इस प्रकार बने घी व चीज़ का सेवन कौन करता है? तो उसने बताया कि McDonald, Pizza Hut, Dominos आदि इसी घी व चीज़ का उपयोग अपनी खाद सामग्रियों में करते हैं व वे इसे हमसे भी खरीदते हैं| 
४) इसके अलावा सूअर के मांस से सोडियम इनोसिनेट अम्ल का उत्पादन होता है, जिससे भी खाने पीने की बहुत सी वस्तुएं बनती हैं| सोडियम इनोसिनेट एक प्राकृतिक अम्ल है जिसे औद्योगिक रूप से सूअर व मछली से प्राप्त किया जाता है| इसका उपयोग मुख्यत: स्वाद को बढाने में किया जाता है| बाज़ार में मिलने वाले बेबी फ़ूड में इस अम्ल को उपयोग में लिया जाता है, जबकि १२ सप्ताह से कम आयु के बच्चों के भोजन में यह अम्ल वर्जित है|
५) इसके अतिरिक्त विभिन्न कंपनियों के आलू चिप्स व नूडल्स में भी यह अम्ल स्वाद को बढाने के लिए उपयोग में लाया जाता है| नूडल्स के साथ मिलने वाले टेस्ट मेकर के पैकेट पर इसमें उपयोग में लिए गए पदार्थों के सम्बन्ध में कुछ नहीं लिखा होता| Maggi कंपनी का तो यह कहना था कि यह हमारी सीक्रेट रेसिपी है| इसे हम सार्वजनिक नहीं कर सकते|
६) चुइंगम जैसी चीज़ें बनाने के लिए भी सूअर की चर्बी से बने अम्ल का उपयोग किया जाता है|
इस प्रकार की वस्तुओं को प्राकृतिक रूप से तैयार करना महंगा पड़ता है अत: इन्हें पशुओं से प्राप्त किया जाता है|
७) Disodium Guanylate (E-627) का उत्पादन सूखी मछलियों व समुद्री सेवार से किया जाता है, इसका उपयोग ग्लुटामिक अम्ल बनाने में किया जाता है|
८) Dipotassium Guanylate (E-628) का उत्पादन सूखी मछलियों से किया जाता है, इसका उपयोग स्वाद बढाने में किया जाता है|
९) Calcium Guanylate (E-629) का उत्पादन जानवरों की चर्बी से किया जाता है, इसका उपयोग भी स्वाद बढाने में किया जाता है|
१०) Inocinic Acid (E-630) का उत्पादन सूखी मछलियों से किया जाता है, इसका उपयोग भी स्वाद बढाने में किया जाता है|
११) Disodium Inocinate (e-631) का उत्पादन सूअर व मछली से किया जाता है, इसका उपयोग चिप्स, नूडल्स में चिकनाहट देने व स्वाद बढाने में किया जाता है|
१२) इन सबके अतिरिक्त शीत प्रदेशों के जानवरों के फ़र के कपडे, जूते आदि भी बनाए जाते हैं| इसके लिए किसी जानवर के शरीर से चमड़ी को खींच खींच कर निकाला जाता है व जानवर इसी प्रकार ५-१० घंटे तक खून से लथपथ तडपता रहता है| तब जाकर मखमल कोट व कपडे तैयार होते हैं और हम फैशन के नाम पर यह पाप पहने मूंह उठाए घुमते रहते हैं| 

यह सब आधुनिकता किस काम की? ये सब हमारे ब्रेनवाश का परिणाम है, जो अंग्रेज़ कर गए|
- डा. के कृष्णा राव, प्रांतीय संवाद प्रभारी, भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग समिति, म.प्र.  

fair and lovely (विदेशी कंपनी का ज़हर)


fair and lovely (विदेशी कंपनी क ज़हर) के खिलाफ़ मद्रास हाईकोर्ट में केस ।
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राजीव दीक्षित जी का दोस्त जो होस्टल में उनके साथ पड़्ता था । 12 साल से fair and lovely लगा रहा था । फ़िर भी चिक्कट काला । और बोला होस्टल में आने से पहले भी 8 साल से लगा रहा है । 

राजीव भाई ने कहा कभी तो तु सुधरेगा । तो उसने कहा कल से fair and lovely बंद ।

राजीव भाई ने पूछा तेरे पास fair and lovely ख़रीदने का बिल है । उनसे
कुछ बिल निकाल कर दिये । जिसके आधार पर उन्होने मद्रास हाईकोर्ट में केस दर्ज कर दिया । पहले तो जज ने कहा मेरे घर में भी यही समस्या है :p ! लेकिन उसने बहुत सुंदर जजमेंट दिया !
कंपनी के अधिकारियो को वहां जाना पड़ा । जज ने पूछा । कि आपने इसमे क्या मिलाया है ।
जो काले को गोरा बना देती है । उन्होने बोला जी कुछ नहीं मिलाया । तो जज ने पुछा ये बनती कैसे है । तो उन्होने कहा( सूअर की चर्बी के तेल से )।

देश के पढ़े लिखे गवार विज्ञापन देख आपने मुँह पर सुअर की चर्बी का तेल थोप रहे है । और अपने आप को बहुत होशियार समझ रहे है !!
और यह कितनी महंगी है !!

25 ग्राम 40 रुपए की
मतलब 50 ग्राम 80 रूपये की
और 100 ग्राम 160 रूपये की !
मतलब 1600 रूपये की 1 किलो !!


देश के पढे लिखे ग्वार लोग 1600 रूपये किलो का सूअर की चर्बी का तेल मुह पर थोप रहे हैं लेकिन 400 -500 रूपये किलो बादाम या काजू नहीं खा रहे !!!!

मित्रो सुंदरता fair and lovely मे नहीं है सुंदरता करीम पाउडर या लिपस्टिक में नहीं है !!
सुंदरता गुण कर्म और सुभाव में होती है !!

आपके गुण अच्छे है कर्म अच्छे है सुभाव अच्छा है तो आप बहुत सुंदर है !!

वन्देमातरम !!

यहाँ क्लिक कर विडियो देखें !!
http://www.youtube.com/watch?v=tzdbFhKkxoI

Tuesday, July 10, 2012

रामसेतु - राम के युग की प्रामाणिकता



रामसेतु - राम के युग की प्रामाणिकता

हम भारतीय विश्व की प्राचीनतम सभ्यता के वारिस है तथा हमें अपने गौरवशाली इतिहास तथा उत्कृष्ट प्राचीन संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। रामसेतु एक आश्चर्यजनक ऐतिहासिक पक्ष है जो भौतिक रूप में उत्तर में बंगाल की खाड़ी को दक्षिण में शांत और स्वच्छ पानी वाली मन्नार की खाड़ी से (मन्नार की खाड़ी और पाक जलडमरू मध्य को) अलग करता है, जो धार्मिक एवं मानसिक रूप से दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ता है। भारत के दक्षिणपूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच उथली चट्टानों की एक चेन है। इस इलाके में समुद्र बेहद उथला है। समुद्र में इन चट्टानों की गहराई सिर्फ़ 3 फुट से लेकर 30 फुट के बीच है। इसे भारत में रामसेतु व दुनिया में एडम्स ब्रिज के नाम से जाना जाता है। इस पुल की लंबाई लगभग 48 किमी है।

वाल्मीकि के रामायण में एक ऐसे रामसेतु का ज़िक्र है जो काफ़ी प्राचीन है और गहराई में हैं तथा जो 1.5 से 2.5 मीटर तक पतले कोरल और पत्थरों से भरा पड़ा है। इस पुल को राम के निर्देशन पर कोरल चट्टानों और रीफ से बनाया गया था। प्राचीन वस्तुकारों ने इस संरचना की परत का उपयोग बड़े पैमाने पर पत्थरों और गोल आकार के विशाल चट्टानों को कम करने में किया और साथ ही साथ कम से कम घनत्व तथा छोटे पत्थरों और चट्टानों का उपयोग किया, जिससे आसानी से एक लंबा रास्ता तो बना ही, साथ ही समय के साथ यह इतना मज़बूत भी बन गया कि मनुष्यों व समुद्र के दबाव को भी सह सके। शांत परिस्थिति के कारण मन्नार की खाड़ी में काफ़ी कम संख्या में कोरल और समुद्र जीव जंतुओं का विकास होता है, जबकि बंगाल की खाड़ी के क्षेत्र में ये जीव-जंतु पूरी तरह अनुपस्थित हैं।

इस तथ्य के अनेक प्रमाण हैं कि पुरातन काल में रामसेतु का प्रयोग भारत और
श्रीलंका के बीच में भूमार्गके तौर पर किया जाता था। बौद्ध धर्म के इतिहास में
भी इस बात का जिक्र है कि अशोक के बौद्ध धर्म अपनाने के बाद उनकी पुत्री
संघमित्राव पुत्र महेंद्र इसी पुल के रास्ते आज से लगभग 2300वर्ष पूर्व भारत से
श्रीलंका बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए पहुंचे थे। महाकवि कालिदासद्वारा
रचित रघुवंशम्में राम सेतु का वर्णन नासा द्वारा दिए गए चित्रों से बिल्कुल
मिलता है। महाभारत, विष्णुपुराणतथा अग्निपुराणमें भी इस पुल के बारे में लिखा
गया है। दक्षिण भारत तथा श्रीलंका के अत्यंत प्राचीन सिक्कों पर भी इस
रामसेतु पुल के चित्र उपलब्ध हैं। प्राकृत साहित्य में 7वींसे 12वींसदी के बीच
इस रामसेतुको सेतुबंध का नाम दिया गया था। रामसेतुका नाम एडम्स ब्रिज सोलहवीं शताब्दी में यूरोपवासियों के भारत आने के बाद पडा। 16वींतथा 17वींशताब्दी में बने दो डच मानचित्र तथा एक फ्रेंच मानचित्र में एडम्सब्रिज अर्थात रामसेतु को रामेश्वरम्तथा तलाईमन्नार (श्रीलंका) के बीच क्रियात्मक भूमार्गदर्शाया गया है। सन् 1803 के मद्रास प्रेसिडेंसीके अंग्रेजी सरकार द्वारा जारी गजट में लिखा गया है कि 15वीं शताब्दी के मध्य तक रामसेतु का प्रयोग तमिलनाडु से श्रीलंका जाने के लिए किया जाता था, परंतु बाद में एक भयंकर तूफान से इस पुल का बडा भाग समुद्र में डूब गया। 14वर्ष के वनवास में श्रीराम ने जिन स्थानों की यात्रा की उनका क्रमिक विवरण अनुसंधानकारों ने (विशेषकर श्रीराम अवतार ने) अयोध्या से लेकर रामेश्वरम्तक उन स्थानों की यात्रा की, जहां वनवास की अवधि में श्रीराम गए थे और पाया कि 195 स्थानों पर आज भी तत्संबंधी स्मारक स्थल विद्यमान हैं। वाल्मीकि रामायण में श्रीराम द्वारा वनवास के समय गमन किए गए स्थानों का विवरण मिलता है, जिनमें कई नदियों तथा सरोवरों के किनारे स्थित ऋषि आश्रमों का भी उल्लेख है। इनमें से कई स्थानों में अभी भी स्मारक स्थल हैं तथा स्थानीय लोग यह मानते हैं कि प्रभु राम वास्तव में उन जगहों पर आए थे। —

Friday, June 29, 2012

ऐसे थे जाट

झूठ नहीं थे जाट लूटेरे ,जो तारीख के पाठां में 
लूटन खातर ताकत चाहिए ,जो थी बस जाट्टां में ...........................

सोमनाथ के मंदिर का सब धर्या ढक्या उघाड़ लेग्या,
मोहम्मद गजनी लूट मचाके सारा सौदा पाड लेग्या |
हीरे-पन्ने कंनी-मंनि चन्दन के कीवाड़ लेग्या ,
सब सामान लाद के चाल्या सत्रह सौ ऊँट लिए ,
कोए भी ना बोल सक्या सब के गोडे टूट लिए |
मोहम्मद गजनी आया था एक जाट्टां की आटआँ में ...................................

ब्रज का योधा जाट गोकुला औरन्ग्जेब ने मार दिया ,
सिकरी का महल किला जाट्टां ने उजाड़ दिया |
ताजमहल में लूट मचाई सारा गुस्सा तार दिया ,
राजाराम जाट ने लड़के दिल्ली की गद्दी हिला दई |
औरन्ग्जेब की मरोड़ तोड़ के माटी के महाँ मिला दई |
कबर खोद अकबर की हाड़ी चिता बणा कें जला दई |
एक चूडामण ने मुगलां की लई खाल तार साट्टयाँ तें ..............................................

भरतपुर के सूरजमल को मुगलां ने धोखे तें मार्या ,
उसका बेटा होया जवाहर सिंह लाल किले पे जा लल्कार्या |
लालकिला जीत लिया लूट लिया माल सारा |
धोखा पट्टी सीखी नहीं जंग में पछाड़ ल्याए ,
मुगलां का सिंघासन जाट दिल्ली तें उखाड़ ल्याए |
साथ में नजराना अर किले के कीवाड़ ल्याए ,
देशभक्ति का खून बहे इन् जट्टां की गान्ठ्या में .................................................. .

जाते-जाते सिकंदर को कर्या भगोड़ा जट्टां ने ,
मुग़ल अर अंग्रेजों को ना बिलकुल छोड्या जाट्टां ने |
कलनौर की बौर काढ दी कोला तोड्या जाट्टां ने |
जलालत की जिंदगी नहीं गंवारा जाट्टां ने |
जिहने भी न्योंदा घाल्या राख्या नहीं उधारा जाट्टां ने |
प्रथ्विराज का कातिल मोहम्मद गोरी मार्या जाट्टां ने |
कहे "जयप्रकाश घुशकाणी" के ,थारे कमी नहीं ठाठां में .