केवल सौ दिन को सिंहासन मेरे हाथों में दे दो,
काला धन वापस न आये तो मुझको फ़ासी दे दो ||
जब कोयल की डोली गिद्धों के घर में आ जाती है,
तो बगला भगतो की टोली हंसों को खा जाती है ||
जब-जब जय चंदो का अभिनन्दन होने लगता है,
तब-तब सापों के बंधन में चन्दन रोने लगता है ||
जब फूलों को तितली भी हत्यारीलगने लगती है,
तो माँ की अर्थी बेटों को भारी लगने लगती है ||
जब जुगनू के घर सूरज के घोड़े सोने लगते है,
तो केवल चुल्लू भर पानी सागर होने लगते है ||
सिंहो को म्याऊँ कह दे क्या ये ताकत बिल्ली में है,
बिल्ली में क्या ताकत होती कायरतादिल्ली में है ||
कहते है कि सच बोलो तो प्राण गवाने पड़ते है,
मैं भी सच्चाई को गाकर शीश कटाने आया हूँ,
घायल भारत माता की तस्वीर दिखानेलाया हूँ ||
कोई साधू सन्यासीपर तलवारे लटकाताहै,
काले धन की केवल चर्चा पर भी आँख चढ़ाता है ||
कोई हिमालय ताजमहल का सौदा करने लगता है,
कोई यमुना गंगा अपने घर में भरने लगता है ||
कोई तिरंगे झंडे को फाड़े फूके आज़ादी है,
कोई गाँधी को भी गाली देने का अपराधी है ||
कोई चाकू घोप रहा है संविधान के सीने में,
कोई चुगली भेज रहा है मक्का और मदीने में ||
कोई ढाँचे का गिरना UNO में ले जाता है,
कोई भारत माँ को डायन की गाली दे जाता है ||
कोई अपनी संस्कृति में आग लगाने लगता है,
कोई बाबा रामदेव पर दाग लगाने लगता है ||
सौ गाली पूरी होते ही शिशुपाल कट जाते है,
तुम भी गाली गिनते रहना जोड़ सिखाने आया हूँ,
घायल भारत माता की तस्वीर दिखानेलाया हूँ ||
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