एक तीर तिन शिकार करने वाली कोंग्रेस-- -
!. बाबा का आन्दोलनकुचलना. .
२ अन्ना के आन्दोलन के माध्यम से एन.जी.ओ.के भ्रष्टाचार कोबढ़ावा,राह ुल की ताजपोशी,और बाबा के आन्दोलन से जागृत जनता के आक्रोश से बचाकर सत्ता बनाये रखना
३ महत्त्व पूर्ण बात यह इस आन्दोलन की आड़ में भारत को गुमराह रखते हुए बहुसंख्यक विरोधी- सांप्रदायि क एवं लक्षित हिंसा निवारण विधेयक-२०१ १ पास कर देना.
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
Saturday, August 27, 2011
एक चौधरी था...
एक चौधरी था, उसे गाँव के पंद्रह-बीस लोगों के साथ दिल्ली जाना था.. उसने एक टिकट ली और चल दिया सबके साथ ट्रेन में... दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा तो टिकट चैकर के सामने जाके आँख सेआँख मिलाई और दौड़लगा दी... चौधरी आगे-आगे और TC पीछे-पीछे.. एक पटरी पार की.. दूसरी की.. फिर चौधरी रुक गया... TC ने आके उसे पकड़ लिया और बोला- टिकट दिखा.?? चौधरी ने टिकट निकाल के दिखा दी...TC ने पूछा- जब टिकट थी तो भागा क्यूँ..?? चौधरी- वो बीस लोग भी तो पार करवाने थे... हा.. हा.. हा.. हा.. हा.. निष्कर्ष- ये चौधरी साहब तो हैं- हमारे सरदार मनमोहन सिंह जो ईमानदारी की टिकट लेके सारा प्रपंच रच रहे हैं... और बीस लोग हैं- कांग्रेस के भ्रष्ट मंत्री जो करोड़ो के घोटाले करके पार हो गए हैं...
Anna ka samarthan na krne par kya hoga...
1) यदि आप जनलोकपाल बिल पर कोई सवाल उठाते हैं तो आप"भ्रष्ट" हैं…
2) यदि आप भूषण जोड़ी और अग्निवेश के खिलाफ़ कोई सवालउठाते हैं तो आप"शंकालु" हैं…
3) यदि अण्णा आंदोलन का खुलकर समर्थन नहीं करते तो आप"भ्रष्टाचार के समर्थक" हैं…
4) यदि आप बाबा रामदेव और अण्णा की तुलना करते हैंतो आप"साम्प्रदायिक" हैं…
5) यदि आप अण्णा की टीम को मिले चन्देऔर उनके NGOs पर सवाल उठाते हैं तोआप "संघ के एजेण्ट" हैं…
6) यदि बाबा रामदेव और अण्णा को सरकार द्वारा मिले"ट्रीटमेण्ट" की तुलना करते हैं तोआप "आंदोलन को कमजोर करने वाले तत्व" हैं…
तात्पर्य यह है किआप "शंकालु","भ्रष्टाचारी","साम्प्रदायिक","संघ के एजेण्ट","शरारती तत्व" इत्यादि कहलाना नहीं चाहते हों तोखबरदार!! अण्णा के आंदोलन को आँख मूंदकर, कान ढँककरसमर्थन देते रहिये…................................................................................
2) यदि आप भूषण जोड़ी और अग्निवेश के खिलाफ़ कोई सवालउठाते हैं तो आप"शंकालु" हैं…
3) यदि अण्णा आंदोलन का खुलकर समर्थन नहीं करते तो आप"भ्रष्टाचार के समर्थक" हैं…
4) यदि आप बाबा रामदेव और अण्णा की तुलना करते हैंतो आप"साम्प्रदायिक" हैं…
5) यदि आप अण्णा की टीम को मिले चन्देऔर उनके NGOs पर सवाल उठाते हैं तोआप "संघ के एजेण्ट" हैं…
6) यदि बाबा रामदेव और अण्णा को सरकार द्वारा मिले"ट्रीटमेण्ट" की तुलना करते हैं तोआप "आंदोलन को कमजोर करने वाले तत्व" हैं…
तात्पर्य यह है किआप "शंकालु","भ्रष्टाचारी","साम्प्रदायिक","संघ के एजेण्ट","शरारती तत्व" इत्यादि कहलाना नहीं चाहते हों तोखबरदार!! अण्णा के आंदोलन को आँख मूंदकर, कान ढँककरसमर्थन देते रहिये…................................................................................
राजनामा: अन्ना के अनशन से छंट रही है धूंध
राजनामा: अन्ना के अनशन से छंट रही है धूंध: नीरज कुमार मिश्र (दिल्ली के रामलीला मैदान से) दिल्ली का आँखों देखा हाल लिखना बहुत मुश्किल लग रहा है मैं आज दिन भर रामलीला मैदान में ख़ाक छ...
राजनामा: इस नग्नता पर नारी संगठनों को लज्जा क्यों नहीं आती ...
राजनामा: इस नग्नता पर नारी संगठनों को लज्जा क्यों नहीं आती ...: " अन्ना हजारे जी को सपोर्ट के बहाने टोपलेश होनेवाली अभिनेत्री "योगिता" के कदम को कितना जायज माना जाना चाहिए ? और कहाँ गई वो " नारी संघटन ...
राजनामा: अनशन में अन्ना पीते हैं विटामिन मिला पानीः जी. आर...
राजनामा: अनशन में अन्ना पीते हैं विटामिन मिला पानीः जी. आर...: इन दिनों जारी आंदोलन को आज भले ही मीडिया द्वारा ऐतिहासिक क्रांति कह कर पुकारा जा रहा हो, लेकिन मेरे खयाल से इसके नेता अन्ना हजारे की तुलना ...
Friday, August 26, 2011
"किरण,केजरीवाल अन्ना को यूज कररहे हैं"
"किरण,केजरीवाल अन्ना को यूज कररहे हैं" http://www.patrika.com/news.aspx?id=664402
Wednesday, August 24, 2011
Kya tha Rajiv Dixit ji ki maut ka karan???
Rajiv ji ki yaad bhulayi nhi jati..
ye dukh ki kahani sunai nhi jati...
http://protectthefreedom.blogspot.com/2010/12/reasons-of-death-of-rajiv-dixit.html
ye dukh ki kahani sunai nhi jati...
http://protectthefreedom.blogspot.com/2010/12/reasons-of-death-of-rajiv-dixit.html
Tuesday, August 23, 2011
Team anna par shak kyun na karein.
बहुत भरोसा है भारतवासियो को अन्ना हजारे पर.
टीम अन्ना की पिछले दिनों की हरकत देखो. क्या भारत का भरोसा कायम रख पाएंगे अन्ना ?
१. मंच से माँ भारती की तस्वीर हटाना.
२.श्री श्री रविशंकरजी जैसे आदरणीय संतपुरुष की विष्टिकार की भूमिका को नकार देना.
३. बाबा रामदेव को भी इस आन्दोलन से अलग रखना.
४. जन लोकपाल में प्रधानमंत् री,न्याय पालिका का समावेश जरुरी मगर एन.जी.ओ. को जन लोकपाल के दायरे से बहार रखना. क्या एन.जी.ओ. को संविधान के कोई अलग दरज्जा दिया है जो प्रधानमंत् री,न्याय पालिका से ऊपर है क्या?
५.विष्टिका र के रूप में प्रधान मंत्री और वरिष्ठमंत्री तक ठीक है, मगर खास रूप से राहुल गाँधी का आग्रह क्यों रखतेहै अन्ना. जबकि राहुल गाँधी सिर्फ सांसद ही है. और राजनीती में आज तक कोई खास जलवा भी नहीं दिखा पाए है.
६. इन दिनों महाराष्ट्र में किसानो पर हुए अत्याचार के विषयमें अन्ना ने मुह तक नहीं खोला है. जबकि इस आन्दोलन से पहले उन्हों ने सिर्फ महाराष्ट्र में ही जलवा दिखाया है.
७. अरविन्द केजरीवाल एन.जी.ओ. को जन लोकपाल के दायरे से बहार रखना क्यों चाहतेहै. जन लो जरा की अन्ना की टीम में कौन कौन सामिल है. अग्निवेश, मेघा पाटकर, अरुंधती रॉय, तीस्ता सेतलवाड, मनीष सिसोदिया, अरुणा रॉय, मल्लिका साराभाई. क्या यह सब दूध के धुले है क्या? इन्हों ने राष्ट्र हित में क्या किया है कोई बता सकता है जरा ?
८. अन्ना के मंच सेइसी पादरी भाषण दे सकते है मगर कोई हिन्दू साधू को मंच पर चढ़ने भी नहीं दिया जा रहा है. ऐसे अपने आप को बिनसांप्रद ायिक साबित करने की कोशिश की जा रही है. क्या हिन्दू समाज को गाली देने से राष्ट्र हित करतेहो यह सिद्ध होता है क्या?
टीम अन्ना की पिछले दिनों की हरकत देखो. क्या भारत का भरोसा कायम रख पाएंगे अन्ना ?
१. मंच से माँ भारती की तस्वीर हटाना.
२.श्री श्री रविशंकरजी जैसे आदरणीय संतपुरुष की विष्टिकार की भूमिका को नकार देना.
३. बाबा रामदेव को भी इस आन्दोलन से अलग रखना.
४. जन लोकपाल में प्रधानमंत् री,न्याय पालिका का समावेश जरुरी मगर एन.जी.ओ. को जन लोकपाल के दायरे से बहार रखना. क्या एन.जी.ओ. को संविधान के कोई अलग दरज्जा दिया है जो प्रधानमंत् री,न्याय पालिका से ऊपर है क्या?
५.विष्टिका र के रूप में प्रधान मंत्री और वरिष्ठमंत्री तक ठीक है, मगर खास रूप से राहुल गाँधी का आग्रह क्यों रखतेहै अन्ना. जबकि राहुल गाँधी सिर्फ सांसद ही है. और राजनीती में आज तक कोई खास जलवा भी नहीं दिखा पाए है.
६. इन दिनों महाराष्ट्र में किसानो पर हुए अत्याचार के विषयमें अन्ना ने मुह तक नहीं खोला है. जबकि इस आन्दोलन से पहले उन्हों ने सिर्फ महाराष्ट्र में ही जलवा दिखाया है.
७. अरविन्द केजरीवाल एन.जी.ओ. को जन लोकपाल के दायरे से बहार रखना क्यों चाहतेहै. जन लो जरा की अन्ना की टीम में कौन कौन सामिल है. अग्निवेश, मेघा पाटकर, अरुंधती रॉय, तीस्ता सेतलवाड, मनीष सिसोदिया, अरुणा रॉय, मल्लिका साराभाई. क्या यह सब दूध के धुले है क्या? इन्हों ने राष्ट्र हित में क्या किया है कोई बता सकता है जरा ?
८. अन्ना के मंच सेइसी पादरी भाषण दे सकते है मगर कोई हिन्दू साधू को मंच पर चढ़ने भी नहीं दिया जा रहा है. ऐसे अपने आप को बिनसांप्रद ायिक साबित करने की कोशिश की जा रही है. क्या हिन्दू समाज को गाली देने से राष्ट्र हित करतेहो यह सिद्ध होता है क्या?
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