बाबारामदेव का आन्दोलन दबाया कांग्रेस ने...
और किसी ने सोचा भी नहीं ये जब दोनों पहले एक मंच पर थे वह अलग अलग क्यों हुए ?
क्यूंकि बाबा स्वदेशी के समर्थक थे...
बाबा के आन्दोलन से सरकार तो हिल ही रही थी...
कई विदेशी कम्पनियों की लुटिया भी डूब सकती थी...
यदि बाबा का आन्दोलन सफल हो जाता तो सरकार को स्वदेशी सहित तमाम वे शर्ते मानना पड़ती जिससे कांग्रेस के दलालों की कमाई होती है...
बाबा के आन्दोलन को दबाना कांग्रेस की जरुरत थी...
जिसके लिए उसके दलालों ने बड़ी बड़ी कंपनियों सेदलाली ली थी...
बाबा के आन्दोलन को दबाने के लिए अन्ना से कहा गया की आपकी शर्ते मानी जाएगी.... इसीलिए अन्ना ने बाबा का समर्थन नहीं किया...
और बाबा के साथ कुछ भी होता रहा अन्ना आगे नहीं आये...
अन्ना ने देखा की सरकार पर अन्ना का दबाव नहीं बन पा रहा है तो उसने अनशन की घोषणा कर दी...
सरकार चाहती थी की अन्ना अनशन करे....
और अन्ना बन गए सरकार के हथियार....
और इसकी वजह भी है मेरे पास...
सरकार महंगाई के मुद्दे को अन्ना की आड़ में खामोश करना चाहती है....
यह सब कांग्रेस की सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है...
जन बुझाकर देश का ध्यान मूल मुद्दों से हटाकरअन्ना के पक्ष में किया जा रहा है...
सरकार जो चाहती है उसमे वह सफल हो रही है...
और आम जनता मुर्ख बन रही है....
कांग्रेस की खुराफाती टीम के अहमद पटेल, कपिल सिब्बल, दिग्विजयसिंह, पी चिदंबरम की यह चाल कामयाब हो रही है...
और हम कुछ समझ ही नहीं पा रहे है...
देश भीषण भूल कर रहा है...
जिसके परिणाम भुगतने होंगे...
जय हिंद... जय भारत... वन्दे मातरम
कांग्रेस ने देश की जनता का ध्यान पूरी तरह से मूल मुद्दों से हटा दिया है.
वह बिना सच्चाई को जाने भेड़-चाल की तरह अन्ना के पीछे लगी है?जिसके असली गेम प्लानर अग्निवेश और भूषण जैसे देशद्रोही हैं.
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