१-बीजेपी ने चुप्पी नहीं साधीहै। बीजेपी नेता शहनवाज खान ने साफ कहा है कि इस पर सियासत हो रही है।
२-मौलान साहब की बात कि टोपी न पहनकर मौदी ने उनके धर्म का अपमान किया है सरासर घटिया राजनीति है। ये कहकह उन सभी भारतीय लोगों का इमाम ने अपमान किया है जो टोपी नहीं पहनते, लेकिन मोदी का समर्थन भी नहीं करते।
३-पगड़ी हिंदू धर्म के हर अनुष्ठान में मुस्लिम टोपी की तरह अनिवार्य नहीं होती है। पगड़ी किसी महत्ता वाले काम को करने वाले और परिवार के मुखियाहोने के नाते पहनी जाती है।
४- कितने मुस्लिम"ऊँ" धारण करते हैं.....? ये टोपी की बात करना सिर्फ सियासत और बकवास है।
५ -किसी धर्म को मानना या नही मानना यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता है | लेकिन किसी धर्म से घॄणा करना अनुचित है | मोदी जी का 'सद्भावना' उपवास का यही निहर्थार्थ है | टोपी पहन कर मुस्लिम भाई अपनीइबादत करते है, मैं यह पुछना चाहता हूं कि कितने मुस्लिम भाई 'ऊं" चिन्ह को धारण करते है | फिरमोदी जी से ऐसा आग्रह क्यो | अपने धर्म मे अडिग है इस लिऐ टोपी स्वीकार नही की , किसी धर्म से धृणा नही है इस लिऐ शाल स्वीकार कर लिया | इसी बात से यह पता चलाता है वे एक स्पष्ट एवं दॄड मानसिकतावाले लोह पुरष है,दुसरो की तरह दोगले नही है, इनके मन मे सभी के लिऐ 'सद्भावना' है|ऐसे स्पष्टवादी लोग ही सब को साथ लेकर चलने मे सक्षम एवं सफल होते है | मोदी जी के हाथो में ही देश सूरक्षित एवंअखंडं रह सकता है |
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