1945 में एक विमान दुर्घटना में नेता जी को मृत घोषित किया गया. 1947 को हुए अनुबंध में फिर ये शर्त क्यों रखी गई की नेता जी भारत आते हैं तो उन्हें अंग्रेजी हुकूमत को सौंपना होगा.....इसका आशय यही हैं की अंग्रेज भी जानते थे की नेता जी जीवित हैं और हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरु जी भी जानते थे की सुभाष जिन्दा हैं.....फिर ये विमान दुर्घटना का झूठ क्यों...???
कहते हो बैठे थे सुभाष जिस विमान में
हो गया हैं ध्वस्त वो विमान ताइवान में
सूर्य के समक्ष वक्ष तान घटा छा गई
भाग्य की कलम स्याही से कहर ढा गई
दिव्य क्रांति-ज्योत को अँधेरा आके छल गया
बोलते हो सूर्य-पुत्र चिंगारी से जल गया
आपसे वो जली हुई लाश मांगता हैं देश
एक बार फिर से सुभाष मांगता हैं देश
--------------- --------राष्ट्र वादी कवि सौरभ सुमन जैन जी------------- --------------- ---------
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