वीर सावरकर को काला पानी की सजा मिली थी ...
उनकी कोठरी इतनी चोटी थी कि खड़े होने पर सर ऊपर टकराता था और सिर्फ़ करवट लेकर ही लेट सकते थे!!
उन्होंने पूरी सजा काटी फिर से स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े!!
उन्हें फिर सजा हो गई, फिर सजा कटी फिर स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद गए
उनके जैसा क्रांतिकारी दुनिया के अन्य किसी देश में आज तकपैदा नहीं हुआ!! उनकी पुण्य तिथी पर शत धत नमन !!
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