'मुझे जान से मार दो मगर पाकिस्तान वापस मत भेजो...'। कुछ ऐसा कहते हुए रो पड़े पाकिस्तानी हिंदू। कभी अपने वतन से बेहद प्यार करने वाले ये लोग अब वहां नहीं जाना चाहते।
दक्षिणी दिल्ली के बिजवासन इलाके में रह रहे 479पाकिस्तानी हिंदुओं का जत्था करीब महीने भर पहले भारत तीर्थयात्रा पर आया था। पाकिस्तान में अपने साथ हो रहे अत्याचार और सरकारी उपेक्षा की वजह से अब वे वहां जाने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं।
वीजा नहीं, नागरिकता की मांग
हालांकि इन लोगों के लिए राहत की बात यह है कि भारत सरकार ने 8 अप्रैल को खत्म हो रहे उनके वीजा अवधि को एक महीने को बढ़ा दिया गया है। लेकिन उन्हें अभी भी अपने भविष्य की चिंता है। इन लोगों की मांग है कि उन्हें भारतीय नागरिकता मिले।
इन हिंदुओं में कुछ लोगों ने जब मीडिया से अपना दर्द साझा किया तो माहौल गमगीन हो गया। एक औरत ने बताया कि पाकिस्तान में उनके साथ बेइंतहा जुल्म किए जाते हैं। वहां उन्हें अपने बच्चों को पढ़ाने की आजादी नहीं है। मजबूरी में उन्हें अपने बच्चों को मदरसे में पढ़ाना पड़ता है।
कुछ औरतों ने बताया, ''हमें हिंदी नहीं कलमा पढ़ने को बोला गया है। अब वहां रहने का बिल्कुल माहौल नहीं है।
पाकिस्तान में हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। लूटपाट और डकैती तो आम बात है।''
दिल्ली में खानाबदोश की जिंदगी जी रहे इन लोगों को बस इतना संतोष है कि वे यहां सुरक्षित हैं।
दक्षिणी दिल्ली के बिजवासन इलाके में रह रहे 479पाकिस्तानी हिंदुओं का जत्था करीब महीने भर पहले भारत तीर्थयात्रा पर आया था। पाकिस्तान में अपने साथ हो रहे अत्याचार और सरकारी उपेक्षा की वजह से अब वे वहां जाने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं।
वीजा नहीं, नागरिकता की मांग
हालांकि इन लोगों के लिए राहत की बात यह है कि भारत सरकार ने 8 अप्रैल को खत्म हो रहे उनके वीजा अवधि को एक महीने को बढ़ा दिया गया है। लेकिन उन्हें अभी भी अपने भविष्य की चिंता है। इन लोगों की मांग है कि उन्हें भारतीय नागरिकता मिले।
इन हिंदुओं में कुछ लोगों ने जब मीडिया से अपना दर्द साझा किया तो माहौल गमगीन हो गया। एक औरत ने बताया कि पाकिस्तान में उनके साथ बेइंतहा जुल्म किए जाते हैं। वहां उन्हें अपने बच्चों को पढ़ाने की आजादी नहीं है। मजबूरी में उन्हें अपने बच्चों को मदरसे में पढ़ाना पड़ता है।
कुछ औरतों ने बताया, ''हमें हिंदी नहीं कलमा पढ़ने को बोला गया है। अब वहां रहने का बिल्कुल माहौल नहीं है।
पाकिस्तान में हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। लूटपाट और डकैती तो आम बात है।''
दिल्ली में खानाबदोश की जिंदगी जी रहे इन लोगों को बस इतना संतोष है कि वे यहां सुरक्षित हैं।
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