Sunday, September 20, 2020

दुनिया को बर्बाद करने का षड्यंत्र by Munish Sharma

दोस्तों हमारे देश के चोटी के नेताओं और सत्ता में बैठे लोगों की नीयत कैसी है ये इसी बात से अंदाज़ा लगा लिजिए कि टेस्टिंग से लेकर दवाईयों से लेकर वैक्सीन से लेकर उसी वैक्सीन के Digital Certificate तक का सारा प्रोग्राम बिल गेट्स, WHO और उन अदृश्य ताकतों के कहने पे सेट किया जा रहा है जिन्हें हम Rockefeller और Rothschild इत्यादि इत्यादि के नाम से भी जानते हैं...

अब तो ID 2020 का नाम बच्चे बच्चे की ज़ुबान पर है, लेकिन इसके लिए 1992 के UNO के Rio De Jenerio में हुई सम्मेलन में ही सारा प्लान सेट कर लिया गया था जब उसके दो साल बाद David Rockefeller जो अमेरिका के बैंकों का बादशाह है उसने कह दिया था कि एक बड़ी आपदा, और विश्व हमारे घुटनों पर होगा...
तो लिजिए आज वो आपदा आपके सामने है..

शुरू में तो इसे Sustainable Development का नाम दिया गया था, परंतु बाद में इसकी सारी परतें खुलती गईं जब Climate Change और Global Warming के मुद्दे दुनिया के सामने लाए गए जिसमें ये डर पैदा किया गया कि यदि हमने जलवायु परिवर्तन को नहीं रोका तो धरती का सर्वनाश हो जाएगा..

इसमें कोई संदेह नहीं कि धरती को कुदरती तौर पर बनाए रखना हर मनुष्य का कर्तव्य है परंतु जिस मानसिकता से कुछ लोगों ने ऐसे मनघड़ंत मुद्दे बनाए वो मानसिकता गलत है..आज तक सिर्फ़ और सिर्फ़ आपदाएं बनाईं गई किसी न किसी तरीके से परंतु धरती के बारे में संवेदनशीलता से नहीं सोचा गया, जो सबसे बड़े ठेकेदार बनते हैं उन्होंने ही सब कायदे-कानूनों की धज्जियां भी उड़ाई हैं..

ख़ैर, मुद्दे पर आते हैं.. तो दोस्तों ये सब समझने के लिए आपको Henry Kissinger के बारे में पढ़ना होगा, 1972 के उसके NSSM 200 प्रोग्राम को भी पढ़ना होगा जिसमें उसने साफ़ तौर पर कहा था कि अमेरिका और इसकी आने वाली नस्लों के लिए धरती की संपदाओं, कुदरती खनिजों और पानी को बचाना अति आवश्यक है जो कि बढ़ती हुई जनसंख्या से दिन-प्रतिदिन कम होते जा रहे हैं...

बात यहीं नहीं रुकती, उसके बाद अथक प्रयास जारी रहे समुचे विश्व को घुटनों पर लाने के लिए जिसका प्रमाण आपको एचआईवी एड्स षड्यंत्र में भी मिल जाएगा कि कैसे अफ्रीका और अन्य ग़रीब देशों को निशाना बनाया गया आबादी नियंत्रण करने की मंशा से...

अब 1992 आते-आते कहानी बदलती जा रही थी, महामारी वाला मंत्र ठीक से चल नहीं पा रहा था, अब एक नया पैंतरा निकाला गया Global Warming और Climate Change का, दुनिया इसे सही और सच मानने लगी, बिना ये सोचे समझे कि यदि ख़बरों के ज़रिए यही अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मौसम जलवायु संस्थान बताते हैं कि 100 साल पहले वाला गर्मी या बरसात का रिकार्ड अब टूटा है तो भला 100 साल पहले को Global Warming Climate Change जैसे कारण मुद्दे या लक्षण थे ?? तब कैसे ये सब होता था ?? इस सवाल का जवाब आजतक मुझे किसी जलवायु वैज्ञानिक से नहीं मिला है... और न मिलेगा...

वहां से यदि हम अगर कुछ और आगे चलें तो सन् 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई साहब ने भी इसी एजेंडे को आगे बढ़ाने की बात राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कही थी जिसे मनमोहन सिंह सरकार ने UDI बनाकर आगे बढ़ाने में सहायता की...

परंतु अभी भी बहुत कुछ और करना बाकी था तो एस ऐसी तैयारी की गई जिसे भेद पाना तरकीबन असंभव हो गया... इस बार नाम है कोरोना या COVID19 और जिसका खाका तैयार किया गया Event 201 जो 18 अक्तूबर 2019 को अमेरिका में आयोजित की गई थी... आप देख सकते हैं विडियो उपलब्ध हैं...

अब जो मोटे तौर पर बात सामने आई है वो ये है कि बिल गेट्स और उसके पीछे जो लोग ये सब कार्यक्रम चला रहे हैं वो दुनिया की आबादी को आधी से भी कम करना चाहते हैं जिसके लिए बिल गेट्स ने बहुत बार अपने इंटरव्यू में भी ज़िक्र किया है,, आप में से बहुतों ने सुना देखा होगा... अब वो आबादी वैक्सीन से कम की जाएगी ?? GMO फ़ूड से कम की जाएगी या फ़िर आर्थिक रूप से ग़रीब देशों को पंगु बनाकर लोगों को भूखे मार कर की जाएगी ये देखना अभी बाकी है...

और बाकी जो कुछ हो रहा है जैसे आनलाईन कामकाज वगैरह वगैरह वो सब इंसानों की मूवमेंट को घटाने का एक प्रयास है जिससे की उन्हीं लोगों की भविष्य में आने वाली पीढ़ी के लिए पदार्थों से लेकर तेल गैस के भंडार बचाए जा सकें..

ये जो उपर सब लिखा है इसी का नाम एजेंडा 2030 जिसका ज़िक्र प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त के दिन लाल किले की प्राचीर से भी किया था. बाकी आप सब देख सुन ही रहे हैं,, बस समय-समय पर मैं अपनी समझ अनुसार आप तक अपनी बात पहुंचा देता हूं...

अब आपको काफ़ी हद तक कोरोना के मायने समझ आ चुके होंगे....



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