दुमास बीच (गुजरात) – इस बीच पर हिंदुओं के शवों का दाह-संस्कार किया जाता है. यहां कई बार असाधारण और हॉरर गतिविधियां महसूस की गई हैं. यहां आने वाले लोगों को अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती हैं जबकि आस-पास कोई नहीं होता. ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में हर ओर मरे हुए लोगों की उपस्थिति रहती है.
रामोजी फिल्मसिटी (हैदराबाद) – यह स्थान कुख्यात और अमानवीय सैनिकों का कब्रिस्तान है. यहां उनकी आत्मा आज भी भटकती है. मृत सैनिक यहां आने वाले लोगों को बहुत परेशान करते हैं. कई बार लाइटमैन और कैमरा मैन गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं. स्थानीय लोग यहां आने से घबराते हैं लेकिन व्यवसाय को हानि ना पहुंचे इसीलिए आत्माओं की कहानियों को निराधार बताता जाता रहा है.
राज किरन होटल (मुंबई) – लोनावला, मुंबई स्थित राज किरन होटल में एक कमरा आत्माओं की चपेट में है. जिन लोगों ने वहां रहने की हिम्मत दिखाई है उनका कहना है कि रात के समय कोई उनकी चादर खींचता है और अजीबोगरीब आवाजें निकालता है. कभी-कभार उन्हें घायल करने की कोशिश भी की गई है.
सवॉय होटल (मसूरी) – अंग्रेजी शासन काल में इस होटल में एक ब्रिटिश लड़की की हत्या की गई थी जिसकी आत्मा आज भी अपने हत्यारे को ढूंढ़ रही है. इस स्थान को सीरियल किलिंग से भी जोड़कर देखा जाता है लेकिन अधिकांश लोगों का मानना है कि इन हत्याओं के पीछे उसी लड़की लेडी ऑर्मे का हाथ है.
शनीवारवाडा किला (पुणे) – जब पश्चिम भारतीय प्रांत पर पेशवाओं का अधिकार था उस समय पेशवाओं के उत्तराधिकारी नारायण नामक बालक की उसके चाची के आदेशानुसार हत्या करवा दी गई थी. अपनी जान बचाने के लिए नारायण पूरे महल में घूमता रहा लेकिन फिर भी उसके हत्यारों ने उसे ढूंढ़ कर मार डाला. वह अपने चाचा को आवाज लगाता रहा पर कोई उसकी मदद के लिए नहीं आया. स्थानीय लोगों ने आज भी कई बार उसकी कराहने की आवाजें सुनी हैं. चांदनी रात में वह जगह और अधिक भयानक हो जाती है.
डॉ हिल्स (पश्चिम बंगाल) – इस घने जंगल में ना जाने कितनी ही हत्याएं हो चुकी हैं. स्थानीय लोगों ने कई बार यहां अजीबोगरीब चीजें महसूस की हैं. विक्टोरिया ब्वॉयस स्कूल में छुट्टियों के दिनों में हलचल और लोगों की आत्माओं की उपस्थिति दर्ज की गई है.
डिसुजा चाल (मुंबई) – माहिम, मुंबई में स्थित डिसुजा चॉल के पास एक कुआं है. कहा जाता है कि इस कुएं में पानी भरते हुए एक महिला डूब कर मर गई थी. आज भी उस महिला की आत्मा उस कुएं और चॉल में घूमती है. वह किसी को परेशान नहीं करती लेकिन उसे अभी तक मुक्ति नहीं मिल पाई है.
बृज राज भवन (कोटा) – 1857 की लड़ाई में ब्रिटिश सैन्य अफसर मेजर बर्टन की हत्या इसी महल में की गई थी जिसकी आत्मा रात के समय यहां भटकती है और चौकीदारों को परेशान करती है.
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